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ट्रंप की गाजा शांति योजना पर संदेह: हमास और नागरिकों की प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में शांति स्थापित करने के लिए एक नई योजना का प्रस्ताव रखा है, लेकिन हमास और गाजा के नागरिकों ने इसे लेकर गंभीर संदेह व्यक्त किया है। हमास ने कहा है कि उन्हें इस योजना की कोई जानकारी नहीं है, जबकि नागरिकों का मानना है कि यह योजना अवास्तविक शर्तों पर आधारित है। इस लेख में हम इस योजना के प्रति विभिन्न प्रतिक्रियाओं और चिंताओं का विश्लेषण करेंगे।
 

ट्रंप की गाजा शांति योजना का दावा

ट्रंप की गाजा शांति योजना: इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक नई शांति योजना का प्रस्ताव रखा है। ट्रंप का कहना है कि यह योजना क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने में सहायक होगी। हालांकि, हमास ने स्पष्ट किया है कि उन्हें इस योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही उन्होंने इसे देखा है।


हमास की प्रतिक्रिया

हमास के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यदि उन्हें प्रस्ताव प्राप्त होता है, तो वे उसका अध्ययन करेंगे और अपनी प्रतिक्रिया देंगे, लेकिन वर्तमान में उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।


गाजा के नागरिकों का संदेह

गाजा के आम नागरिकों में इस योजना को लेकर संदेह है। कई लोग इसे केवल एक दिखावा मानते हैं, क्योंकि ट्रंप पहले भी युद्ध समाप्त करने में असफल रहे हैं। गाजा के दक्षिणी क्षेत्र अल-मवासी में रहने वाले इब्राहिम जौदेह ने कहा कि यह योजना अवास्तविक शर्तों पर आधारित है, जिसे हमास कभी स्वीकार नहीं करेगा। नागरिकों का मानना है कि युद्ध और पीड़ा जारी रहेगी।


हमास का अनभिज्ञता

हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्हें ट्रंप की शांति योजना अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने कहा, 'हमें इसके बारे में कुछ भी नहीं पता है। योजना मिलने पर हम उसका अध्ययन करेंगे और प्रतिक्रिया देंगे।' यह बयान दर्शाता है कि अमेरिकी प्रशासन ने योजना की जानकारी सीधे हमास को नहीं दी है।


गाजा के नागरिकों का संदेह

गाजा के लोग इस शांति योजना को लेकर शक कर रहे हैं। कई नागरिक इसे दिखावटी मानते हैं और उनका मानना है कि यह युद्ध को समाप्त करने में असफल रहेगा। इब्राहिम जौदेह ने कहा, 'इसमें ऐसी शर्तें हैं जो हमास कभी स्वीकार नहीं करेगा। इसका मतलब है कि युद्ध और पीड़ा जारी रहेगी।'


शांति की आधिकारिक गारंटी की कमी

अब्दुल माजेन नासर ने इस योजना को छल-कपट करार दिया और चेतावनी दी कि बिना आधिकारिक गारंटी के कैदियों की रिहाई बेकार है। उनका कहना है, 'हम इस तमाशे को स्वीकार नहीं करेंगे।' यह स्पष्ट करता है कि योजना में भरोसे की कमी एक गंभीर चिंता का विषय है।


हमास और नागरिकों के असंतोष का प्रभाव

हमास और गाजा के नागरिकों के असंतोष से यह स्पष्ट होता है कि ट्रंप की योजना को लागू करना आसान नहीं होगा। नासर का कहना है कि हमास ने नागरिकों का विश्वास खो दिया है और उन्हें मुश्किल में डाल दिया है। यह दर्शाता है कि शांति की राह अभी भी चुनौतीपूर्ण और अनिश्चित है।