ट्रंप की नई टैरिफ योजना: भारत और चीन पर 100% शुल्क लगाने की तैयारी
ट्रंप की टैरिफ योजना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन, जो रूस के प्रमुख तेल खरीदार हैं, पर 100% तक टैरिफ लगाने की योजना बनाई है। रिपब्लिकन पार्टी ने पहले ही भारत पर 50% टैरिफ लागू कर दिया है और अब यूरोपीय संघ से भारत पर व्यापक शुल्क लगाने की मांग कर रहे हैं।
फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने वाशिंगटन में अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारियों के साथ एक बैठक में यह मांग रखी। एक अनाम अमेरिकी अधिकारी ने कहा, “हम तैयार हैं, लेकिन यह तभी होगा जब हमारे यूरोपीय साझेदार हमारे साथ कदम मिलाएंगे।”
रूस पर दबाव बनाने की रणनीति
ट्रंप की यह मांग रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव डालने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। यह कदम यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस को 50 दिन का समय देने के महीनों बाद आया है। अमेरिका यूरोप के टैरिफ के साथ तालमेल बिठाने के लिए तैयार है, जिससे भारत और चीन से आयात पर शुल्क बढ़ सकता है। ट्रंप ने जुलाई में भारत पर 25% टैरिफ की घोषणा की थी, जिसे बाद में रूस से तेल खरीद के कारण 50% कर दिया गया।
हालांकि, चीन, जो रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है, उस पर अभी तक टैरिफ में बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। वर्तमान में अमेरिका चीन से आयात पर 30% टैरिफ वसूलता है। एक अधिकारी ने कहा, “ट्रंप नाटकीय टैरिफ चाहते हैं और इसे तब तक बनाए रखना चाहते हैं जब तक चीन रूसी तेल खरीदना बंद नहीं करता।”
SCO शिखर सम्मेलन पर ट्रंप की प्रतिक्रिया
हाल ही में चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के एकजुट प्रदर्शन ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया। इस मुलाकात के बाद ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल हैंडल पर तीनों नेताओं की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “लगता है हमने भारत और रूस को गहरे, अंधेरे चीन के हाथों खो दिया है। उनका भविष्य लंबा और बेहतर हो!”
हालांकि, बाद में ट्रंप ने अपने बयान से पलटी मारते हुए भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने और “महान प्रधानमंत्री” नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। एक अन्य पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका “व्यापारिक बाधाओं” को हल करने के लिए बातचीत जारी रखेंगे और वह पीएम मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हैं।
भारत का रूस से तेल आयात
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के पहले छह महीनों में भारत ने अपनी कुल तेल आपूर्ति का 35% रूस से खरीदा। चीन के बाद भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार है। ट्रंप की इस नीति से भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ सकता है।