ट्रंप की भारत पर टैरिफ नीति: रूस से तेल खरीदने पर दबाव
ट्रंप की धमकियों का असर
ट्रंप टैरिफ: अमेरिका, जो विश्व में शांति स्थापित करने का दावा करता है, ने भारत को रूस से तेल खरीदने से रोकने के लिए कई बार चेतावनी दी है। इसके परिणामस्वरूप, भारत पर टैरिफ दोगुना कर दिया गया है। हाल के दिनों में यह सवाल उठ रहा है कि ट्रंप भारत पर इतना दबाव क्यों बना रहे हैं, जबकि चीन भी तेल खरीद रहा है और उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। इस मुद्दे पर रूस में अलग-अलग विचार विमर्श हो रहे हैं।
रूस में चर्चा
रूस की सुरक्षा परिषद के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य ने इस पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने इसे ट्रंप की रणनीति का हिस्सा बताया। इसके अलावा, आज ट्रंप और पुतिन की बैठक को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति को उम्मीदें हैं।
भारत के लिए ट्रंप की सख्ती का कारण
हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच बयानबाजी देखने को मिली है। ट्रंप एक ओर पाकिस्तान और भारत के बीच सीजफायर कराने का दावा कर रहे हैं, जबकि भारत इन दावों को खारिज कर रहा है। इस पर रूस की मीडिया में भी चर्चा हो रही है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एंड्रयू सुशेनत्सोव ने कहा कि 'भारत तेजी से विकास कर रहा है और अमेरिका उसे चीन के संदर्भ में एक रणनीतिक साझेदार मानता है।'
अमेरिका की रणनीति
एंड्रयू ने आगे कहा कि 'अमेरिका चाहता है कि भारत उसकी नेतृत्व को स्वीकार करे और स्वतंत्र विदेश नीति को छोड़ दे। अमेरिका को यह समझना चाहिए कि इस तरह का दबाव कामयाब नहीं होगा। भविष्य में ट्रंप को भारत पर दबाव डालना बंद करना पड़ेगा।' उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अक्सर इस तरह के दबाव बनाता है, लेकिन जब उसकी योजनाएँ विफल होती हैं, तो वह पीछे हट जाता है।
पुतिन से सीजफायर पर चर्चा?
हाल ही में ट्रंप ने कहा था कि उन्हें अलास्का में होने वाली बैठक में समझौते की संभावना कम लगती है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पुतिन उनकी बात नहीं मानते हैं, तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने कहा कि 'मुझे लगता है कि पुतिन सौदा करने के लिए तैयार हैं।' उन्होंने रूस पर पाबंदियों की धमकी देते हुए कहा कि 'हर चीज का असर होता है।'