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ट्रंप ने नौकरी आंकड़ों के विवाद के चलते श्रम सांख्यिकी प्रमुख को हटाया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने श्रम सांख्यिकी प्रमुख एरिका मैकएन्टरफर को बर्खास्त कर दिया है, जो जुलाई के कमजोर नौकरी आंकड़ों के बाद हुआ। ट्रंप ने आरोप लगाया कि मैकएन्टरफर ने बेरोजगारी के आंकड़े जानबूझकर गलत पेश किए। इस निर्णय पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, और विशेषज्ञों का मानना है कि यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुस्ती को दर्शाता है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव।
 

ट्रंप का निर्णय

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एरिका मैकएन्टरफर, जो कि ब्यूरो ऑफ लेबर स्टेटिस्टिक्स की प्रमुख हैं, को उनके पद से हटा दिया। यह कदम जुलाई में आए कमजोर नौकरी आंकड़ों के बाद उठाया गया, जिसने ट्रंप की टैरिफ नीति पर सवाल खड़े कर दिए।


आंकड़ों पर विवाद

ब्यूरो ने बताया कि जुलाई में केवल 73,000 नई नौकरियां जोड़ी गईं, जबकि विश्लेषकों ने 1,09,000 नौकरियों की उम्मीद की थी। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, “मेरे नेतृत्व में अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है।” हालांकि, उन्होंने मैकएन्टरफर पर आरोप लगाया कि उन्होंने बेरोजगारी के आंकड़े “जानबूझकर गलत” पेश किए, जिससे “रिपब्लिकन पार्टी और मुझे नुकसान पहुंचे।” यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति ने स्वतंत्र निकाय के प्रमुख को आंकड़ों के कारण सार्वजनिक रूप से बर्खास्त किया।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

व्हाइट हाउस की इस कार्रवाई पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेट नेता चक शूमर ने कहा, “राष्ट्रपति एक ख़राब नेता हैं जो कमज़ोर आंकड़े दिखाने वाले को ही प्रताड़ित कर रहे हैं।” विश्लेषकों का मानना है कि ये आंकड़े अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुस्ती और ट्रंप की टैरिफ नीति के नकारात्मक प्रभाव को दर्शाते हैं। टैरिफ की घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में भी भारी गिरावट आई।


आर्थिक चिंताएं

कमजोर नौकरी आंकड़ों ने ट्रंप प्रशासन की आर्थिक नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि टैरिफ नीति व्यापार और रोजगार पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है। मैकएन्टरफर की बर्खास्तगी ने स्वतंत्र संस्थानों पर राजनीतिक दबाव की बहस को और तेज कर दिया है.