डायबिटीज और हार्ट अटैक: जानें कैसे बढ़ता है खतरा
हार्ट अटैक के कारण
हार्ट अटैक के कारण: खराब जीवनशैली के चलते कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इनमें से एक सामान्य समस्या हाई ब्लड शुगर लेवल है। अक्सर, हम इसे केवल डायबिटीज से जोड़ते हैं, लेकिन यह केवल ब्लड शुगर से संबंधित नहीं है। वास्तव में, यह दिल के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता है। चिकित्सा रिपोर्टों के अनुसार, डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्तियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम सामान्य लोगों की तुलना में लगभग दो से चार गुना अधिक होता है।
शुगर और ब्लड प्रेशर का प्रबंधन क्यों आवश्यक है?
विशेषज्ञों का मानना है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए केवल शुगर को नियंत्रित करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का संतुलन बनाए रखना भी आवश्यक है। उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल, दोनों ही हार्ट अटैक के प्रमुख कारण हैं, और डायबिटीज इन दोनों का खतरा बढ़ा देती है। इसलिए, मरीजों को नियमित रूप से अपने शुगर, बीपी और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहना चाहिए।
स्वस्थ आहार और जीवनशैली में बदलाव क्यों आवश्यक है?
डॉक्टरों की सलाह है कि डायबिटीज के मरीजों को प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तेज चलना चाहिए। आहार में हरी सब्जियां, सलाद, फल, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन शामिल करना चाहिए। जंक फूड, मीठे पेय, प्रोसेस्ड फूड और अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थों से बचना जरूरी है। पर्याप्त नींद, तनाव प्रबंधन और धूम्रपान-शराब से दूर रहना भी दिल की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है।
नियमित चेकअप से बचाव
कई बार, हार्ट डिजीज के प्रारंभिक लक्षण डायबिटीज के मरीजों में स्पष्ट नहीं होते हैं। इसलिए, साल में कम से कम एक बार ईसीजी और हार्ट हेल्थ चेकअप कराना चाहिए। समय पर पहचान और उपचार से हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।