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डीपफेक रोमांस स्कैम: युवा बन रहे हैं ठगी का शिकार

डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग से युवा ठगी का शिकार बन रहे हैं। ब्रिटिश सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक 80 लाख स्कैम होने की संभावना है। साइबर सुरक्षा कंपनी मैकएफी के अनुसार, इस वर्ष होने वाले ऑनलाइन स्कैम में से 20% रोमांस से संबंधित होंगे। जानें कैसे ठग भावनाओं का शोषण कर रहे हैं और इससे बचने के उपाय।
 

डीपफेक रोमांस स्कैम के मामले बढ़े

एआई तकनीक के दुरुपयोग के कारण ठग भावनाओं का फायदा उठाकर लोगों को ठगने में लगे हुए हैं। ब्रिटिश सरकार की एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 तक डीपफेक वीडियो के जरिए 80 लाख स्कैम होने की संभावना है, जो कि 2023 में 5 लाख के मुकाबले 16 गुना अधिक है।


ऑनलाइन स्कैम में युवाओं की संख्या बढ़ी

साइबर सुरक्षा कंपनी मैकएफी की रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष होने वाले कुल ऑनलाइन स्कैम में से 20% से अधिक रोमांस से संबंधित होंगे। इनमें से आधे से ज्यादा पीड़ित 25 वर्ष से कम आयु के हैं। एआई की प्रगति के कारण डीपफेक वीडियो इतने यथार्थवादी हो गए हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो गया है।


एक उदाहरण: बेथ हाइलैंड का मामला

53 वर्षीय बेथ हाइलैंड, जो अमेरिका के मिशिगन से हैं, ने एक ऑनलाइन डेटिंग प्लेटफॉर्म पर रिचर्ड नामक व्यक्ति से संपर्क किया। रिचर्ड ने डीपफेक स्काइप कॉल्स और नकली तस्वीरों के माध्यम से बेथ से 22 लाख रुपये की ठगी की। यह 'पिग-बचरिंग' स्कैम का एक हिस्सा था, जिसमें ठग भावनाओं का शोषण करते हैं।


रोमांस स्कैम से भारी नुकसान

एफबीआई के अनुसार, 2023 में अमेरिका में ऐसे स्कैम से 36 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि, यह आंकड़ा और भी अधिक हो सकता है, क्योंकि केवल 7% पीड़ित ही शिकायत दर्ज कराते हैं।


युवाओं की भावनात्मक कमजोरी का फायदा

युवाओं की ऑनलाइन पार्टनर खोजने की चाहत उन्हें जोखिम उठाने के लिए प्रेरित करती है, जिससे वे आसानी से ठगी का शिकार बन जाते हैं। ग्लोबल एंटी-स्कैम एलायंस के जोरिज अब्राहम के अनुसार, युवा भावनात्मक और तकनीकी रूप से कम अनुभवी होते हैं, जिसका फायदा ठग उठाते हैं।


डीपफेक स्कैम की चुनौती

स्कैमर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध फेस-स्वैपिंग टूल्स का उपयोग कर रहे हैं। लैपटॉप और ओपन-सोर्स टूल्स के माध्यम से यह तकनीक अब आम हो चुकी है। 60% डीपफेक स्कैम अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से संचालित होते हैं, जो उन देशों से काम करते हैं जहां साइबर कानून कमजोर हैं।


भारत में भी बढ़ रहा स्कैम

भारत में भी ठग एआई का उपयोग कर रहे हैं। डीपफेक ऑडियो, वीडियो और वॉयस क्लोनिंग के जरिए लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। 2024 में भारत में साइबर ठगी के मामले बढ़ने की आशंका है।


आपातकाल का बहाना बनाते हैं ठग

एफबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 90% रोमांस स्कैम में ठग आपातकाल जैसे मेडिकल बिल या यात्रा खर्च का बहाना बनाते हैं। पैसे की मांग पर सतर्क रहना चाहिए। रिवर्स इमेज सर्च और डीपफेक डिटेक्शन टूल्स का उपयोग करें।


भारत में ठगी का बढ़ता आंकड़ा

2024 में भारतीयों ने हर दिन औसतन 60 करोड़ रुपये गंवाए। पिछले वर्ष लगभग 22 हजार करोड़ रुपये की ठगी हुई। साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के अनुसार, रोजाना छह हजार से अधिक शिकायतें नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज की गई हैं।