डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना: पशुपालकों के लिए 42 लाख रुपये का लोन और 33% सब्सिडी
डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना का परिचय
डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना मध्य प्रदेश के किसानों और पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। इस योजना के तहत, पशुपालक 42 लाख रुपये तक का ऋण और 33% तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
लोन और सब्सिडी की विशेषताएँ
इस योजना के माध्यम से, पशुपालकों को 25 दुधारू पशुओं की इकाई स्थापित करने के लिए 42 लाख रुपये तक का ऋण मिलेगा। इसमें 33% तक की सब्सिडी भी शामिल है, जिसमें SC/ST वर्ग के लिए 33% और अन्य वर्गों के लिए 25% सब्सिडी का प्रावधान है।
यह राशि तीन साल की लॉक-इन अवधि के बाद एकमुश्त दी जाएगी। ऋण चार चरणों में वितरित किया जाएगा, और पशुपालक उन्नत नस्ल की गाय या भैंस का चयन कर सकते हैं। अधिकतम 8 इकाइयों के लिए ऋण लेने की अनुमति है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।
पात्रता और प्राथमिकता
डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना का लाभ केवल मध्य प्रदेश के स्थायी निवासियों को मिलेगा। आवेदक की आयु 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और उन्हें किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से डेरी फार्मिंग का प्रशिक्षण लेना आवश्यक है।
कम से कम 3.50 एकड़ कृषि भूमि होना अनिवार्य है। पहले से दूध संग्रहण केंद्रों को दूध देने वाले पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदन प्रक्रिया 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर होगी, और ऑनलाइन आवेदन जल्द ही शुरू होंगे।
सरकार की रणनीति
मध्य प्रदेश सरकार किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि 50% गांवों को दूध संग्रहण नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। अब तक 381 नई दुग्ध सहकारी समितियां स्थापित की गई हैं, जिनसे 9,500 दुग्ध उत्पादक जुड़े हैं।
यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में सहायक होगी। पशुपालक इस अवसर का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन शुरू होने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें।