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डॉ. आर के धीमन को एम्स पटना का अध्यक्ष नियुक्त किया गया

डॉ. आर के धीमन, जो संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक हैं, को अब एम्स पटना का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनके पास चिकित्सा क्षेत्र में कई उपलब्धियाँ हैं, जिसमें राष्ट्रीय पुरस्कार और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान शामिल हैं। जानें उनके करियर की प्रमुख बातें और नई जिम्मेदारियों के बारे में।
 

डॉ. आर के धीमन की नई जिम्मेदारी

लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) के निदेशक, डॉ. आर के धीमन, अब एम्स पटना के अध्यक्ष की अतिरिक्त भूमिका निभाएंगे। उन्हें परिवार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा रविवार को इस पद पर नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही, उन्हें एम्स पटना की इंस्टीट्यूट बॉडी का सदस्य भी बनाया गया है।

डॉ. धीमन वर्तमान में SGPGI लखनऊ के निदेशक हैं। उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से 1984 और 1987 में एमबीबीएस और एमडी की डिग्री प्राप्त की, और 1991 में एसजीपीजीआईएमएस, लखनऊ से गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। वे कई प्रतिष्ठित संस्थानों से फेलोशिप प्राप्त कर चुके हैं, जिनमें अमेरिकन कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन शामिल हैं।

भारत सरकार ने 28 जुलाई 2018 को राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीएचसीपी) की शुरुआत की, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत वायरल हेपेटाइटिस के निःशुल्क निदान और उपचार की सुविधा प्रदान करता है।

डॉ. धीमन को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिसमें 2024 में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्मश्री और 2008 में डॉ. बीसी रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें चार बार भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पुरस्कार भी मिल चुका है।

वे 2012 से 2019 तक इंटरनेशनल सोसाइटी ऑन हेपेटिक एन्सेफैलोपैथी एंड नाइट्रोजन मेटाबॉलिज्म (ISHEN) के अध्यक्ष रहे हैं। इसके अलावा, वे इंडियन नेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लिवर (INASL) के सचिव भी रह चुके हैं।

डॉ. धीमन 2011 से 2020 तक जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल हेपेटोलॉजी (JCEH) के प्रधान संपादक रहे हैं और अमेरिकन कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (ACG) के गवर्नर भी रह चुके हैं।