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डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच संभावित बैठक की चर्चा

डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चीन आने का निमंत्रण स्वीकार किया है। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हाल ही में हुई वार्ता के बाद, ट्रंप की एशिया यात्रा के दौरान संभावित बैठक की चर्चा हो रही है। ट्रंप ने चीन के प्रति अपनी भाषा को नरम किया है, जिससे व्यापारिक रिश्तों में स्थिरता की उम्मीद जगी है। जानें इस बैठक के संभावित प्रभाव और चीन के कूटनीतिक संकेतों के बारे में।
 

ट्रंप का चीन दौरे का आमंत्रण

डोनाल्ड ट्रंप ने यह जानकारी दी है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें चीन आने का निमंत्रण दिया है। यह प्रस्तावित बैठक तब से चर्चा में है जब हाल ही में दोनों देशों के अधिकारियों ने मलेशिया में उच्च स्तरीय वार्ता की। यह संभावना जताई जा रही है कि ट्रंप की एशिया यात्रा के दौरान, जो APEC शिखर सम्मेलन के समय दक्षिण कोरिया में हो सकती है, यह बैठक आयोजित की जा सकती है। दोनों देशों के बीच व्यापार और कूटनीति में फिर से गर्माहट देखने को मिल रही है।


बातचीत की प्रगति

एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच संभावित बैठक को लेकर बातचीत चल रही है। 11 जुलाई को मलेशिया में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बैठक के बाद इस मुलाकात की संभावनाएं बढ़ी हैं। सूत्रों के अनुसार, ट्रंप की एशिया यात्रा के दौरान, विशेषकर APEC समिट में, यह बैठक संभव हो सकती है।


ट्रंप का बदला हुआ दृष्टिकोण

हाल के दिनों में ट्रंप ने चीन के प्रति अपनी कड़ी भाषा को कुछ हद तक नरम किया है। उन्होंने अमेरिका-चीन के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध को फिलहाल टाल दिया है, जिससे वैश्विक व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाओं में आई अस्थिरता में कमी आई है। वहीं, चीन ने भी कूटनीतिक संवाद के लिए अपनी तत्परता दिखाई है। चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंटाओ ने कहा है कि वे अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों को स्थिरता पर लाना चाहते हैं।


नए संबंधों की शुरुआत?

चीनी विदेश मंत्रालय ने यह भी स्वीकार किया है कि वे विदेशी नेताओं, जिनमें कुछ अमेरिकी भी शामिल हैं, को 3 सितंबर को बीजिंग में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम में आमंत्रित कर रहे हैं। हालांकि, चीन ने ट्रंप-शी बैठक पर सीधी टिप्पणी करने से इनकार किया है, लेकिन प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों के बीच कूटनीति की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और यह चीन-अमेरिका संबंधों को नई दिशा देने में सहायक हो सकती है।