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डोनाल्ड ट्रंप का 9/11 पर विवादास्पद दावा: ओसामा बिन लादेन की चेतावनी

रविवार को वर्जीनिया के नॉरफॉक में अमेरिकी नौसेना की 250वीं वर्षगांठ पर डोनाल्ड ट्रंप ने 9/11 हमलों के संदर्भ में ओसामा बिन लादेन के बारे में अपने पूर्व चेतावनी का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने बिन लादेन के बारे में एक साल पहले चेतावनी दी थी, लेकिन मीडिया ने इसे नजरअंदाज किया। ट्रंप ने अपनी किताब 'The America We Deserve' का हवाला देते हुए वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा की। जानें उनके भाषण की प्रमुख बातें और मीडिया पर उनके तंज।
 

ट्रंप का नॉरफॉक में भाषण

डोनाल्ड ट्रंप: रविवार को वर्जीनिया के नॉरफॉक में अमेरिकी नौसेना की 250वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिए गए अपने भाषण में, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 9/11 हमलों और ओसामा बिन लादेन से संबंधित एक बार फिर से अपने दावे को दोहराया। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले से ठीक एक वर्ष पहले बिन लादेन के बारे में चेतावनी दी थी। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया ने उनके इस महत्वपूर्ण बयान को कभी गंभीरता से नहीं लिया।


ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप ने अपने भाषण में कहा, "कृपया ध्यान दें, मैंने ओसामा बिन लादेन के बारे में एक साल पहले लिखा था। हमें उस पर नजर रखनी चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बिन लादेन पसंद नहीं था और अमेरिकी अधिकारियों को उसकी गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए था। ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि उन्हें इस चेतावनी का श्रेय नहीं दिया गया, और इसे खुद ही स्वीकार करने की आवश्यकता महसूस की।


किताब में बिन लादेन का उल्लेख

ट्रंप ने अपनी 2000 में प्रकाशित किताब 'The America We Deserve' का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने बिन लादेन और उस समय की वैश्विक सुरक्षा स्थिति का उल्लेख किया था। उन्होंने लिखा कि अमेरिका कई छोटे संकटों और हॉटस्पॉट्स का सामना कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अब पारंपरिक शतरंज की तरह नहीं, बल्कि कई प्रतिद्वंद्वियों के साथ एक मास्टर टूर्नामेंट खेल रहा है।


मीडिया पर ट्रंप का तंज

ट्रंप ने अपने भाषण में यह स्पष्ट किया कि उनकी दी गई चेतावनी महत्वपूर्ण थी, लेकिन मीडिया और अन्य संस्थानों ने इसे नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस चेतावनी का श्रेय नहीं दिया गया, और इसे खुद स्वीकार करने की आवश्यकता महसूस की।


वैश्विक सुरक्षा पर ध्यान

ट्रंप ने अपने भाषण और किताब में वैश्विक सुरक्षा और अमेरिका के सामने मौजूद खतरों की गंभीरता को उजागर किया। उनका दावा था कि बिन लादेन और अन्य आतंकवादी नेटवर्क के प्रति अमेरिकी प्रशासन को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता थी।