डोनाल्ड ट्रंप का अफगानिस्तान नीति में बदलाव: बगराम एयरबेस को फिर से सक्रिय करने की योजना
अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस का महत्व
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपनी अफगानिस्तान नीति में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि उनका प्रशासन बगराम एयरबेस को फिर से सक्रिय करने पर विचार कर रहा है।
ट्रंप ने यह जानकारी खुद दी है कि बगराम एयरबेस पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश की जा रही है। यह कदम चीन के लिए चिंता का विषय बन सकता है, क्योंकि ट्रंप ने कहा कि यह एयरबेस चीन के परमाणु स्थलों के निकट स्थित है।
गुरुवार को यूनाइटेड किंगडम में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा, "हम इसे वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें हमसे चीजें चाहिए। यह बेस चीन के परमाणु हथियार बनाने वाली जगह से एक घंटे की दूरी पर है।"
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के चार साल बाद ट्रंप ने इस नीति का खुलासा किया है। उन्होंने बाइडेन प्रशासन की अफगानिस्तान की स्थिति पर भी आलोचना की। बगराम एयरबेस, जो काबुल से 44 किलोमीटर उत्तर में स्थित है, अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने बगराम एयरबेस का जिक्र किया है। मार्च में उन्होंने इस क्षेत्र पर चीन के नियंत्रण का दावा किया था। ट्रंप ने कहा, "अमेरिकी प्रशासन पहले भी बगराम को कब्जे में रखता, लेकिन यह सिर्फ अफगानिस्तान के कारण नहीं, बल्कि चीन के कारण भी।"
हालांकि, तालिबान ने ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, "बगराम पर इस्लामिक अमीरात का नियंत्रण है, न कि चीन का।"