×

डोनाल्ड ट्रंप का नाटो शिखर सम्मेलन: इजरायल और ईरान पर बयान

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में नाटो शिखर सम्मेलन में इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कठोर भाषा का उपयोग करना आवश्यक होता है। ट्रंप ने ईरान को परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू करने से रोकने की चेतावनी दी और इस मुद्दे पर फर्जी खबरों का भी जिक्र किया। जानें उनके बयानों की पूरी कहानी और इसके पीछे की राजनीति।
 

डोनाल्ड ट्रंप का नाटो शिखर सम्मेलन

डोनाल्ड ट्रंप का नाटो शिखर सम्मेलन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में इजरायल और ईरान के बारे में अपने बयानों का समर्थन करते हुए कहा कि कभी-कभी उन्हें 'कठोर भाषा' का सहारा लेना पड़ता है। ट्रंप ने इन दोनों देशों के बीच संघर्ष की तुलना 'स्कूल के मैदान में लड़ रहे बच्चों' से की।


उन्होंने कहा, 'इजरायल और ईरान अब एक-दूसरे से नहीं लड़ेंगे। वे पहले ही लड़ चुके हैं। जैसे दो बच्चे स्कूल में लड़ते हैं, आप उन्हें रोक नहीं सकते। उन्हें कुछ समय लड़ने दें, फिर उन्हें रोकना आसान हो जाता है।' इस पर नाटो महासचिव मार्क रूटे ने मुस्कुराते हुए कहा, 'और कभी-कभी पिता को कठोर भाषा का उपयोग करना पड़ता है।'


'कठोर भाषा का उपयोग करना पड़ता है'

ट्रंप ने इस पर सहमति जताते हुए कहा, 'कभी-कभी आपको कठोर भाषा का उपयोग करना पड़ता है और कुछ विशेष शब्द भी बोलने पड़ते हैं।' एक दिन पहले, इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष विराम के उल्लंघन पर टिप्पणी करते हुए, ट्रंप ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया था।


'ईरान परमाणु बम नहीं बनाएगा'

ट्रंप ने ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू करने के खिलाफ सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, 'ईरान अब यूरेनियम संवर्धन नहीं करेगा।' पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा, 'ईरान निकट भविष्य में कोई परमाणु बम नहीं बनाएगा... हमें नहीं लगता कि ईरान के पास परमाणु सामग्री को साइटों से हटाने के लिए पर्याप्त समय था। मेरा मानना है कि यह (हमला) एक बड़ा झटका था।'


इससे पहले, ट्रंप ने उन रिपोर्टों को 'फर्जी खबर' बताया, जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी हमलों से पहले ईरानी परमाणु साइटों से 400 किलोग्राम यूरेनियम हटा लिया गया था। व्हाइट हाउस ने भी कहा कि ये रिपोर्ट राष्ट्रपति को कमजोर दिखाने की साजिश है।