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डोनाल्ड ट्रंप का परमाणु परीक्षण का आदेश, एशिया दौरे से पहले बड़ा ऐलान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एशिया दौरे से पहले एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें उन्होंने पेंटागन को 33 साल बाद परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने का आदेश दिया है। ट्रंप ने कहा कि अन्य देश परीक्षण कर रहे हैं, इसलिए अमेरिका को भी ऐसा करना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर मीडिया से बातचीत की और परमाणु निरस्त्रीकरण की उम्मीद जताई। जानें इस घोषणा के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

ट्रंप का परमाणु परीक्षण का आदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एशिया दौरे से पहले चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात से पहले एक महत्वपूर्ण घोषणा की। ट्रंप ने पेंटागन को लगभग 33 वर्षों के बाद परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है। एशिया दौरे से लौटते समय, उन्होंने इस मुद्दे पर मीडिया से भी बातचीत की।


ट्रंप ने कहा, “ऐसा लगता है कि सभी देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। हमारे पास किसी भी अन्य देश से अधिक परमाणु हथियार हैं। हम परीक्षण नहीं करते, लेकिन जब अन्य देश ऐसा कर रहे हैं, तो मुझे लगता है कि हमें भी ऐसा करना चाहिए।


हालांकि, ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि अमेरिकी परमाणु परीक्षण कब और कहां होंगे, बस इतना कहा, “हमारे पास परीक्षण स्थल हैं। इसकी घोषणा की जाएगी।” जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें चिंता है कि अमेरिका एक जोखिम भरे परमाणु माहौल में प्रवेश कर रहा है, तो उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हमने इसे काफी अच्छी तरह से संभाला है।


ट्रंप ने आगे कहा, “मैं परमाणु निरस्त्रीकरण की उम्मीद करता हूं। हम इस पर रूस से बातचीत कर रहे हैं और अगर सब कुछ ठीक रहा, तो चीन भी इसमें शामिल हो जाएगा।


एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति के आदेश के बाद अमेरिका को परमाणु परीक्षण करने में 24 से 36 महीने लग सकते हैं। हाल के वर्षों में केवल उत्तर कोरिया ने 2017 में परमाणु परीक्षण किया है। 1998 के बाद से, जब भारत और पाकिस्तान ने परीक्षण किए थे, तब से कोई अन्य परीक्षण नहीं हुआ है।


अमेरिका का अंतिम परमाणु परीक्षण 1992 में, चीन का 1996 में और रूस के पूर्ववर्ती सोवियत संघ का 1990 में हुआ था।


रूस, अमेरिका और चीन में से किसी ने भी 1996 में चीन द्वारा किए गए परीक्षण के बाद से परमाणु हथियार का परीक्षण नहीं किया है। रूस ने आखिरी बार 1990 में और अमेरिका ने 1992 में परीक्षण किया था।


हाल ही में, रूस ने दावा किया था कि उसने पोसाइडन परमाणु-संचालित सुपर टॉरपीडो का सफल परीक्षण किया है।