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डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान: भारत की रूसी तेल खरीद पर अमेरिकी टैरिफ का असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की रूसी तेल खरीद पर अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह टैरिफ रूस की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है। ट्रंप ने भारत को रूस का प्रमुख तेल खरीदार बताया और इस नीति को जानबूझकर रूस पर दबाव डालने के लिए अपनाई गई बताया। इसके अलावा, उन्होंने पुतिन से अपनी आगामी बैठक और यूक्रेन संकट पर भी चर्चा की। जानें इस बयान के पीछे की पूरी कहानी और ट्रंप की अन्य टिप्पणियाँ।
 

ट्रंप का बयान: रूस की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन की बैठक: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और भारत के संबंधों पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ ने रूस की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। सोमवार को व्हाइट हाउस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने बताया कि रूस की आर्थिक स्थिति वर्तमान में अच्छी नहीं है और अमेरिकी नीतियों के कारण उसे बड़ा झटका लगा है।


भारत का प्रमुख तेल खरीदार होना
ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत रूस का "सबसे बड़ा या दूसरा सबसे बड़ा" तेल खरीदार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब अमेरिका भारत को यह चेतावनी देता है कि यदि वे रूस से तेल खरीदते हैं तो उन्हें 50% टैरिफ देना होगा, तो यह रूस के लिए एक बड़ा झटका है। यह नीति जानबूझकर रूस पर दबाव डालने के लिए बनाई गई है।


#WATCH | Washington, DC | On Russia-Ukraine war and meeting with Russian President Vladimir Putin, US President Donald Trump says, "This could have been a third world war... I thought it was very respectful that the president of Russia is coming to our country, as opposed to us… pic.twitter.com/rrOyuRkFTG

— News Media




रूस की आर्थिक स्थिति पर चिंता
ट्रंप ने कहा कि रूस को अपनी आंतरिक संरचना पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उनके अनुसार, रूस एक विशाल देश है जिसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन वर्तमान में वह इन अवसरों का लाभ नहीं उठा पा रहा है क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण "बहुत परेशान" हो चुकी है।


भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए 25% रेसिप्रोकल टैरिफ और अतिरिक्त 25% तेल खरीद टैरिफ को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत सरकार ने इसे "अनुचित, अन्यायपूर्ण और तर्कहीन" करार देते हुए इसका विरोध किया है।


पुतिन से मुलाकात का महत्व
ट्रंप ने पुष्टि की कि वे इस शुक्रवार को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि पुतिन का अमेरिका आना एक "सम्मानजनक" कदम है, क्योंकि आमतौर पर ऐसी बैठकें या तो रूस या किसी तीसरे देश में होती हैं। ट्रंप ने उम्मीद जताई कि यह बैठक रचनात्मक होगी और वैश्विक स्थिरता की दिशा में नए कदम उठाए जा सकेंगे।


यूरोपीय नेताओं से बातचीत की योजना
रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद, ट्रंप का इरादा यूरोपीय नेताओं से भी बातचीत करने का है। उन्होंने कहा कि वे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और पुतिन के बीच बातचीत को प्रोत्साहित करना चाहते हैं ताकि यूक्रेन संकट का समाधान निकाला जा सके।


भारत-पाक संघर्ष का उल्लेख
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल में अब तक पांच युद्धों को रोका है, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव को रोकने का श्रेय खुद को दिया। हालांकि, भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि संघर्ष विराम का निर्णय दोनों देशों की सेनाओं के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के बीच बातचीत का परिणाम था, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।