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डोनाल्ड ट्रंप का ब्रिक्स देशों पर टैरिफ का नया धमकी भरा रुख

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों के खिलाफ 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। यह घोषणा भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि भारत ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य है। ट्रंप का यह बयान भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है, खासकर जब दोनों देश एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। व्यापार वार्ता का भविष्य अब अनिश्चित हो गया है।
 

ट्रंप का टैरिफ पर कड़ा संदेश

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से टैरिफ को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट के जरिए चेतावनी दी है कि जो भी देश ब्रिक्स समूह की अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन करेगा, उस पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि इस नीति में किसी भी देश को कोई छूट नहीं मिलेगी।


भारत के लिए चिंता का विषय

डोनाल्ड ट्रंप का ब्रिक्स देशों पर गुस्सा: यह घोषणा भारत के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि भारत ब्रिक्स का एक संस्थापक सदस्य है। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। ट्रंप का यह बयान भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है।


व्यापार समझौते पर संकट के बादल

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर मंडराते संकट के बादल: ट्रंप का यह बयान उस समय आया है जब भारत और अमेरिका एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, भारत ने इस समझौते के लिए कृषि और डेयरी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, और अब अमेरिका की बारी है। उम्मीद की जा रही थी कि यदि सभी मुद्दों का समाधान हो जाता है, तो 9 जुलाई से पहले इस व्यापार समझौते की घोषणा हो सकती है।


टैरिफ विवाद जारी

पहले से ही जारी है टैरिफ का खेल: यह ध्यान देने योग्य है कि दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर पहले से ही मतभेद हैं। अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारतीय वस्तुओं पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त जवाबी शुल्क लगाया था, जिसे फिलहाल 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। हालांकि, 10 प्रतिशत का मूल शुल्क अभी भी लागू है। भारत इस 26 प्रतिशत के शुल्क से पूरी छूट की मांग कर रहा है। यदि व्यापार वार्ता विफल होती है, तो यह 26 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क फिर से लागू हो जाएगा। इसके अलावा, इस्पात, एल्युमीनियम (50%) और वाहनों (25%) पर अमेरिकी शुल्क को लेकर भी विवाद जारी है।


व्यापार वार्ता का भविष्य अनिश्चित

पिछले सप्ताह, एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन से अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत करके लौटा है। ट्रंप के इस नए ऐलान के बाद व्यापार वार्ता का भविष्य और भी अनिश्चित हो गया है।