×

डोनाल्ड ट्रंप की ईरान को चेतावनी: क्या तेहरान में बढ़ेगा तनाव?

ईरान और इज़रायल के बीच जारी संघर्ष में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ईरान को चेतावनी दी है कि सभी को तेहरान तुरंत छोड़ देना चाहिए। ट्रंप ने ईरान द्वारा परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर न करने को मूर्खतापूर्ण बताया और इसके गंभीर परिणामों की चेतावनी दी। जानें ट्रंप के इस बयान का क्या मतलब है और इसके पीछे के राजनीतिक मकसद क्या हो सकते हैं।
 

ईरान-इज़रायल संघर्ष में ट्रंप की तीखी प्रतिक्रिया

ईरान और इज़रायल के बीच चल रहे संघर्ष में कोई कमी नहीं आ रही है। हाल ही में, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि "सभी को तुरंत तेहरान छोड़ देना चाहिए।" इसके साथ ही, ट्रंप ने ईरान द्वारा परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर न करने को "मूर्खतापूर्ण निर्णय" करार दिया।


ट्रंप का ईरान पर कड़ा संदेश

ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा, "ईरान को उस समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहिए था, जिस पर मैंने जोर दिया था। यह कितना शर्मनाक है कि मानव जीवन की इतनी बर्बादी हो रही है।" उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान समझौते से पीछे हटता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ट्रंप ने फिर से कहा कि ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं होना चाहिए।


तेहरान को खाली करने की चेतावनी

ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा, "सभी को तुरंत तेहरान को खाली कर देना चाहिए।" उनका यह बयान इस ओर इशारा करता है कि अगर ईरान ने अपने कदम पीछे नहीं खींचे, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की यह टिप्पणी इज़रायल को अप्रत्यक्ष समर्थन देने के समान है, जिससे पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ सकता है।


शांति स्थापना का दावा

ट्रंप ने पहले यह भी कहा था कि यदि उन्हें मौका मिले, तो वे इज़रायल और ईरान के बीच शांति समझौता करवा सकते हैं। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि व्यापार और कूटनीति के माध्यम से उन्होंने तनाव को कम करने में सफलता प्राप्त की है।


भारत-पाकिस्तान का उदाहरण

ट्रंप ने कहा, "मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और बातचीत के जरिए स्थिरता लाई। दोनों देशों के नेताओं के साथ बातचीत कर एक बड़े टकराव को टाल दिया। अब मैं वही भूमिका इज़रायल और ईरान के बीच भी निभा सकता हूं।"


राजनीतिक मकसद की संभावना

विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह सख्त रुख 2024 के अमेरिकी चुनावों से पहले उनकी विदेश नीति की मजबूत छवि पेश करने की कोशिश हो सकती है। हालांकि, तेहरान को लेकर उनकी चेतावनी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। अब सभी की नजरें ईरान की प्रतिक्रिया पर हैं।