डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी पर चीन का कड़ा जवाब
ब्रिक्स सम्मेलन में ट्रंप की प्रतिक्रिया
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में हाल ही में ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा सहित अन्य सदस्य देशों के नेता शामिल हुए। इस सम्मेलन के बाद, डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों की नीतियों का समर्थन करने वाले देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है।
ट्रंप की टैरिफ धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि जो देश ब्रिक्स की 'अमेरिका विरोधी' नीतियों का समर्थन करेंगे, उन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। ब्रिक्स समूह ने इस सम्मेलन में ट्रंप का नाम लिए बिना टैरिफ बढ़ाने की निंदा की, जिसके जवाब में ट्रंप ने यह धमकी दी।
चीन का बयान
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि ब्रिक्स एक सकारात्मक शक्ति है जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सहयोग को बढ़ावा देती है। उन्होंने टैरिफ युद्धों का विरोध करते हुए कहा कि मनमाने ढंग से टैरिफ लगाना किसी के लिए भी फायदेमंद नहीं है।
चीन ने यह भी कहा कि ब्रिक्स समूह उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण मंच है, जो किसी भी देश के खिलाफ टकराव में शामिल नहीं है।
ब्रिक्स के सदस्य देश
ब्रिक्स 2025 शिखर सम्मेलन में 10 सदस्य देशों ने भाग लिया, जिनमें ब्राजील, चीन, मिस्र, इथियोपिया, भारत, इंडोनेशिया, ईरान, रूस, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। इन देशों ने एक संयुक्त बयान में ईरानी परमाणु और सैन्य सुविधाओं पर अमेरिकी-इजरायल हमलों की निंदा की।
ब्रिक्स की स्थापना ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने की थी, और पिछले वर्ष इसमें इंडोनेशिया, ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया।