डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति पर कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी का विरोध
डोनाल्ड ट्रंप का विरोध
डोनाल्ड ट्रंप: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक स्तर पर विरोध को जन्म दिया है। यह विरोध केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अमेरिका के भीतर भी देखा जा रहा है। कैलिफोर्निया की एक यूनिवर्सिटी ने सरकार द्वारा फंडिंग रोकने के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है।
मुकदमा दायर किया गया
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के छात्रों और कर्मचारियों ने मिलकर ट्रंप प्रशासन के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया है। इस मुकदमे में शैक्षणिक स्वतंत्रता को कम करने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले का आरोप लगाया गया है।
मामले का विवरण
यह मुकदमा ट्रंप प्रशासन द्वारा कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, लॉस एंजेल्स पर 1.2 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाने और अनुसंधान निधि को रोकने के कुछ हफ्ते बाद दायर किया गया है। प्रशासन ने परिसर में यहूदी-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने और अन्य नागरिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया था। यह पहली सार्वजनिक यूनिवर्सिटी है जिसे इस तरह की निधि रोकी गई है। इससे पहले, हार्वर्ड, ब्राउन और कोलंबिया जैसे प्रतिष्ठित निजी कॉलेजों के खिलाफ भी इसी तरह के आरोपों के कारण संघीय निधि रोकी गई थी। मुकदमे में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन ने यूसीएलए को एक समझौता प्रस्ताव में कई मांगें रखी हैं, जिनमें संकाय, छात्र और कर्मचारियों के डेटा उपलब्ध कराने की बात शामिल है। इसके अलावा, प्रवेश और भर्ती डेटा जारी करने, विविधता छात्रवृत्ति समाप्त करने, यूनिवर्सिटी की संपत्ति पर रात भर के प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने और आव्रजन प्रवर्तन में सहयोग करने की भी मांग की गई है।
अमेरिकियों पर खतरा
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी प्रणाली के प्रवक्ता, स्टेट होलब्रुक ने कहा कि यूनिवर्सिटी इस मुकदमे में शामिल नहीं है, लेकिन वह वित्त पोषण को बहाल करने के लिए कई कानूनी प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि शोध निधि में कटौती जैव चिकित्सा अनुसंधान के लिए गंभीर खतरा है, जिससे उन अमेरिकियों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है जो यूनिवर्सिटी के चिकित्सा विज्ञान और नवाचार पर निर्भर हैं। मुकदमा दायर करने वाले गठबंधन का नेतृत्व अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ़ यूनिवर्सिटी प्रोफ़ेसर यूनियन (AAUP) कर रहा है, जबकि डेमोक्रेसी फ़ॉरवर्ड इस मामले में कानूनी प्रतिनिधित्व कर रहा है। यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष जेम्स मिलिकेन का मानना है कि यह कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के 157 साल के इतिहास में सबसे गंभीर खतरों में से एक है।