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डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से भारत-अमेरिका संबंधों को खतरा

डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों ने भारत और अमेरिका के बीच 25 साल पुराने संबंधों को खतरे में डाल दिया है। डेमोक्रेट सांसद रो खन्ना ने इस पर चिंता जताते हुए एक आपातकालीन कॉन्फ्रेंस कॉल का आयोजन किया, जिसमें कई पूर्व राजनयिक और उद्योगपति शामिल हुए। इस कॉल में ट्रंप की नीतियों के कारण भारत-अमेरिका संबंधों में आई गिरावट पर चर्चा की गई। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
 

भारत-अमेरिका के रिश्तों पर चिंता

वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों और कूटनीतिक निर्णयों ने भारत और अमेरिका के बीच 25 साल पुराने मजबूत संबंधों को संकट में डाल दिया है। इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए डेमोक्रेट सांसद रो खन्ना ने एक आपातकालीन कॉन्फ्रेंस कॉल का आयोजन किया, जिसमें कई पूर्व राजनयिक और उद्योगपति शामिल हुए।


कॉल का आयोजन: यह कॉल कांग्रेसनल इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष रो खन्ना द्वारा आयोजित की गई थी। इसमें पूर्व अमेरिकी राजदूत रिच वर्मा, एरिक गार्सेटी, उद्योगपति विनोद खोसला और कई भारतीय मूल के टेक लीडर्स शामिल थे। कॉल के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय में भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर गहरी चिंता है। रो खन्ना ने कहा, “मैं ये कॉल तब तक न बुलाता, जब तक बात गंभीर न होती। हमें इस रिश्ते को बचाने के लिए अलार्म बजाना जरूरी है।”


पूर्व राजदूत की टिप्पणी: पूर्व अमेरिकी राजदूत रिच वर्मा ने चर्चा में कहा कि ट्रंप की नीतियों ने पिछले दो महीनों में भारत-अमेरिका संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने 2000 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा का उल्लेख किया, जब अमेरिका ने पहली बार भारत और पाकिस्तान के प्रति अपनी नीतियों को अलग किया था। “उस फैसले ने व्यापार, स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा और लोगों के बीच संबंधों की मजबूत नींव रखी थी,” वर्मा ने कहा।


विश्लेषकों की राय: कई विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की व्यापारिक नीतियों, जैसे कि आयात शुल्क बढ़ाना और कूटनीतिक संवाद की अनदेखी, भारत को अमेरिका से दूर कर सकती हैं। यदि यह रुख नहीं बदला गया, तो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी पर गहरा असर पड़ सकता है।