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डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमले की रिपोर्ट को किया खारिज

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमले की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे 'फर्जी खबर' बताया और कहा कि न्यूक्लियर साइट्स पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर अपनी राय साझा की, जबकि अमेरिकी विशेष दूत ने रिपोर्ट के लीक होने को देशद्रोह करार दिया। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
 

ट्रंप का बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु संयंत्रों के नष्ट न होने की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि हाल ही में अमेरिका द्वारा किए गए हमले तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को प्रभावित करने में असफल रहे। ट्रंप ने इसे 'फर्जी खबर' करार देते हुए कहा कि न्यूक्लियर साइट्स पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं।


ट्रंप का सोशल मीडिया पर बयान

बुधवार को ट्रंप ने 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा, 'फर्जी खबर, सीएनएन ने न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ मिलकर इतिहास के सबसे सफल सैन्य हमलों में से एक को नीचा दिखाने की कोशिश की है। ईरान में परमाणु स्थल पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स और सीएनएन को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।'


मीडिया रिपोर्ट्स का संदर्भ

सीएनएन और न्यूयॉर्क टाइम्स ने अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि ईरान की परमाणु साइट्स पर हमलों से केवल कुछ महीनों की देरी हुई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि हमलों से पहले ईरान के समृद्ध यूरेनियम के अधिकांश भंडार को हटा दिया गया था।


विशेष दूत का बयान

फॉक्स न्यूज से बातचीत में अमेरिका के मध्य पूर्व के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने रिपोर्ट के लीक होने को 'देशद्रोह' बताया और इसकी जांच की मांग की। उन्होंने कहा, 'ऐसी संवेदनशील जानकारी का लीक होना, चाहे वो किसी भी पक्ष के लिए क्यों न हो, बेहद निंदनीय और देश के लिए खतरनाक है। यह देशद्रोह है, इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए।'


विटकॉफ का दावा

विटकॉफ ने आगे कहा, 'हमने फोर्डो पर 12 बंकर बस्टर बम गिराए। इसमें कोई शक नहीं कि हमने लक्ष्य को भेदा। यह कहना कि हम अपने लक्ष्य में सफल नहीं हुए, बिल्कुल हास्यास्पद है।'