डोनाल्ड ट्रंप ने कंबोडिया-थाईलैंड संघर्ष को समाप्त करने के लिए की बातचीत
संघर्ष को समाप्त करने की कोशिश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कंबोडिया और थाईलैंड के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के नेताओं से फोन पर चर्चा की। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर कहा, “मैंने अभी कंबोडिया के प्रधानमंत्री से बात की है ताकि थाईलैंड के साथ चल रहे युद्ध को रोका जा सके। संयोग से, हम इन दोनों देशों के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन यदि वे युद्ध में हैं, तो हम किसी भी समझौते को आगे नहीं बढ़ाना चाहते, और मैंने उन्हें यह स्पष्ट कर दिया है।” उन्होंने भारत-पाकिस्तान के संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि यह युद्ध उन्हें उस टकराव की याद दिलाता है, जिसे सफलतापूर्वक रोका गया था.
थाईलैंड के साथ सकारात्मक संवाद
ट्रंप ने थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री से भी बातचीत की और इसे सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा, “मैंने अभी थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री से बात की है, और यह एक बहुत अच्छी बातचीत रही। थाईलैंड भी, कंबोडिया की तरह, तत्काल युद्धविराम और शांति चाहता है। अब मैं यही संदेश कंबोडिया के प्रधानमंत्री को वापस देने जा रहा हूं।” ट्रंप ने जोर देकर कहा कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद युद्धविराम और शांति स्वाभाविक रूप से संभव है.
युद्ध की गंभीरता
कंबोडिया और थाईलैंड, जो कभी घनिष्ठ मित्र थे, अब एक-दूसरे के खिलाफ भीषण युद्ध में उलझ गए हैं। थाईलैंड ने एफ-16 विमानों और तोपों से हमले किए, जबकि कंबोडिया ने रूसी बीएम-21 और आरएम-70 रॉकेट सिस्टम से जवाबी कार्रवाई की। कंबोडिया की बारूदी सुरंगों ने थाईलैंड की जमीनी सेना को रोक दिया, जिसके बाद थाईलैंड ड्रोन और हवाई हमलों पर निर्भर हो गया है। 25 जुलाई को ओडारमीचे प्रांत में कंबोडियाई सैनिकों को रॉकेट लॉन्चर के साथ देखा गया। दोनों देशों में 500 स्कूल बंद हैं, और कंबोडिया के आठ प्रांतों में मार्शल लॉ लागू है.
विस्थापन और नुकसान
थाईलैंड ने 1,30,000 लोगों को सीमा से हटाया है, और 12 क्षेत्रों में भारी गोलीबारी हुई है। थाईलैंड का आरोप है कि कंबोडिया नागरिक क्षेत्रों को निशाना बना रहा है। इस युद्ध ने एशिया में एक नया संकट उत्पन्न कर दिया है.