डोनाल्ड ट्रम्प का नया गोल्ड कार्ड वीज़ा कार्यक्रम: एक मिलियन डॉलर की फीस
डोनाल्ड ट्रम्प ने एक नया गोल्ड कार्ड वीज़ा कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें एक मिलियन डॉलर की फीस तय की गई है। यह कार्यक्रम धनी व्यक्तियों और कंपनियों को प्राथमिकता देगा। इसके साथ ही, एच-1बी वीज़ा पर नई पाबंदियाँ भी लागू की गई हैं, जिसमें 100,000 डॉलर का शुल्क शामिल है। जानें इस नई योजना के बारे में और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
Sep 20, 2025, 13:57 IST
ट्रम्प का गोल्ड कार्ड वीज़ा कार्यक्रम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए 'गोल्ड कार्ड' वीज़ा कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस योजना के तहत व्यक्तिगत आवेदकों के लिए एक मिलियन डॉलर और कंपनियों के लिए 2 मिलियन डॉलर की फीस निर्धारित की गई है। यह नया वीज़ा कार्यक्रम धनी व्यक्तियों और व्यवसायों को प्राथमिकता देने के लिए बनाया गया है। यह EB-1 और EB-2 रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड श्रेणियों का स्थान लेगा। ट्रम्प ने ट्रूथ सोशल पर इस कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि 'द ट्रंप गोल्ड कार्ड' अब उपलब्ध है।
अवैध प्रवासियों की समस्या
ट्रम्प ने कहा कि लंबे समय से अमेरिका में लाखों अवैध प्रवासी प्रवेश कर चुके हैं और हमारा इमिग्रेशन सिस्टम अब टूट चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिकी नागरिक और टैक्सपेयर्स हमारे कानूनी इमिग्रेशन सिस्टम से लाभ उठाएं। ट्रम्प ने उम्मीद जताई कि 'द ट्रंप गोल्ड कार्ड' जल्द ही 100 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि जुटाएगा, जिसका उपयोग टैक्स में कमी, विकास परियोजनाओं और कर्ज चुकाने में किया जाएगा।
एच-1बी वीज़ा कार्यक्रम पर नई पाबंदियाँ
ट्रम्प ने एच-1बी वीज़ा आवेदन पर 1,00,000 डॉलर का शुल्क लगाने के संबंध में एक सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि एच-1बी कार्यक्रम का दुरुपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है। इस आदेश के तहत, जिन कामगारों के एच-1बी आवेदन के साथ 100,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान नहीं किया गया होगा, उन्हें अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। ट्रम्प ने बताया कि यह कार्यक्रम अस्थायी कामगारों को अमेरिका में लाने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसका दुरुपयोग किया गया है।