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तमिलनाडु का 'ग्रीन मिशन': 5 लाख पेड़ लगाने की योजना

तमिलनाडु सरकार ने अपने 'ग्रीन तमिलनाडु मिशन' के तहत 5 लाख से अधिक पेड़ लगाने की योजना बनाई है। यह पहल राज्य के वन आवरण को बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। जानें इस मिशन के उद्देश्यों और कार्यान्वयन के बारे में, जिसमें पौधों की नर्सरी से लेकर उनकी देखभाल तक शामिल है।
 

तमिलनाडु सरकार का पर्यावरण संरक्षण प्रयास

तमिलनाडु की सरकार अपने 'ग्रीन तमिलनाडु मिशन' के तहत राज्य को और हरा-भरा बनाने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठा रही है। इस योजना के अंतर्गत, वन विभाग इस वर्ष 5 लाख से अधिक पेड़-पौधे लगाने की तैयारी कर रहा है, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
वन विभाग ने पहले से ही इन पौधों को नर्सरी में तैयार करना शुरू कर दिया है। ये पौधे मानसून के दौरान, विशेषकर अक्टूबर के बाद लगाए जाएंगे, जब मिट्टी में नमी अधिक होती है और पौधों के विकास की संभावना बढ़ जाती है। इन पौधों को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में, सरकारी भूमि, सार्वजनिक स्थानों और निजी भूखंडों पर लगाया जाएगा।
ग्रीन तमिलनाडु मिशन का उद्देश्य राज्य के वन और वृक्ष आवरण को अगले 10 वर्षों में मौजूदा 23.69% से बढ़ाकर 33% करना है। यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने, जैव विविधता को बढ़ावा देने और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राज्य के पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग की प्रमुख सचिव सुप्रिया साहू ने हाल ही में सभी 33 जिला वन अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इस बैठक में उन्होंने नर्सरी में पौधों के उत्पादन की स्थिति की समीक्षा की और प्रत्येक जिले के लिए 10,000 से 15,000 पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया।
अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि लगाए जाने वाले पौधों की किस्मों का चयन सावधानी से किया जाए, ताकि वे स्थानीय जलवायु और मिट्टी के प्रकार के अनुकूल हों। इसके साथ ही, वृक्षारोपण के बाद उनकी उचित देखभाल और संरक्षण पर भी जोर दिया गया है।
यह पहल तमिलनाडु को एक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल राज्य बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इससे न केवल हरियाली बढ़ेगी, बल्कि लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी आएगी।