तमिलनाडु में करूर हादसा: 38 लोगों की जान गई, मुख्यमंत्री ने जताया शोक
करूर में भयानक हादसा
करूर में मची अफरा-तफरी: तमिलनाडु के करूर जिले में एक कार्यक्रम के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें 38 लोगों की जान चली गई। यह कार्यक्रम अभिनेता विजय के स्वागत के लिए आयोजित किया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अभिनेता के समय पर न पहुंचने के कारण भीड़ बढ़ती गई और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
पीड़ित परिवारों की स्थिति
इस घटना ने कई परिवारों को बुरी तरह प्रभावित किया है। एक पीड़ित ने बताया कि उसके भाई के दो बेटों में से एक की मौत हो गई है, जबकि छोटे का अभी तक कोई पता नहीं चला है। भाई की पत्नी आईसीयू में भर्ती हैं और उनका बेटा आंखों में चोट के कारण इलाज करा रहा है। परिवारजन इस कठिन समय में क्या करें, इस पर असमंजस में हैं।
भीड़ प्रबंधन की कमी
स्थानीय निवासी नंद कुमार ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई थी। विजय के सुबह 11 बजे पहुंचने की सूचना थी, लेकिन वह देर शाम पहुंचे। तब तक लोग कई घंटे से भूखे-प्यासे इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
अधिक भीड़ का सामना
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी सूर्या के अनुसार, कार्यक्रम स्थल पर 10 से 15 गुना अधिक लोग मौजूद थे। जगह इतनी कम थी कि एम्बुलेंस भी अंदर नहीं जा पा रही थीं। घायलों को बाहर निकालने में काफी समय लगा और अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
मुख्यमंत्री का दौरा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने हादसे के तुरंत बाद सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का दौरा किया और घायलों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह त्रासदी शब्दों से परे है। उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्हें घटना की सूचना मिली, उन्होंने तत्काल पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को अस्पताल भेजा और आसपास के मंत्रियों को मौके पर जाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों की हर संभव मदद करेगी।
पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी
राज्य के प्रभारी डीजीपी जी. वेंकटरमण ने घटना पर बयान दिया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की अनुमति दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही जमा होना शुरू हो गई थी। जब विजय शाम करीब 7:40 बजे पहुंचे, तब तक लोग घंटों इंतजार कर चुके थे। कई लोग बिना पर्याप्त भोजन और पानी के वहां टिके रहे।
डीजीपी ने कहा कि 27 हजार लोगों की पूरी भीड़ को नियंत्रित करना पुलिस के लिए संभव नहीं था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अभिनेता विजय ने पुलिस के प्रयासों की सराहना की, लेकिन यह भी कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी।
जांच आयोग का गठन
घटना के कारणों का पता लगाने के लिए सरकार ने एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होगा कि लापरवाही किसकी थी। फिलहाल प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवारों को हर तरह से सहायता दी जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।