तारिक रहमान की 17 साल बाद बांग्लादेश वापसी: चुनावी माहौल में बीएनपी को मिली नई ऊर्जा
तारिक रहमान की स्वदेश वापसी
ढाका: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी चेयरमैन तारिक रहमान 17 वर्षों के बाद अपने देश लौट आए हैं। देश में राजनीतिक अस्थिरता और अराजकता के बीच आम चुनाव की तैयारियों में तेजी आई है। रहमान की वापसी ने बीएनपी के समर्थकों में नई ऊर्जा भर दी है। हालांकि, पार्टी के भीतर विश्वास स्थापित करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि उनके निर्वासन के दौरान पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर संघर्ष करते रहे हैं।
राजनीतिक हलचल और समर्थन जुटाने की संभावनाएं
तारिक रहमान की वापसी को अंतरिम सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के एक विशेष सहायक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। इससे बीएनपी के लिए समर्थन जुटाने का रास्ता और आसान हो सकता है।
तारिक रहमान: पीएम पद के प्रमुख दावेदार
तारिक रहमान (60) पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (80) के बड़े बेटे हैं और फरवरी में संभावित आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार के रूप में उभरे हैं। बीएनपी प्रवक्ता रुहुल कबीर रिज़वी ने उनकी वापसी को “निर्णायक राजनीतिक क्षण” बताया है। उनके पिता जियाउर रहमान, जो एक सैन्य शासक से नेता बने थे, ने बीएनपी की स्थापना की थी और 1977 से 1981 तक राष्ट्रपति रहे। उनकी वापसी को देखते हुए मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। बीएनपी ने उनके स्वागत में लाखों समर्थकों को जुटाने का लक्ष्य रखा है।
बदले राजनीतिक परिदृश्य में बीएनपी की स्थिति
तारिक रहमान की वापसी ऐसे समय में हुई है, जब पांच अगस्त 2024 को छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना की अवामी लीग सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी। बदले राजनीतिक हालात में बीएनपी एक बार फिर प्रमुख ताकत के रूप में उभर रही है। 2001-2006 के शासनकाल में बीएनपी की सहयोगी रही जमात-ए-इस्लामी अब बीएनपी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बन चुकी है। वहीं, अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग को भंग कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तारिक रहमान की वापसी से बांग्लादेश की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है और आगामी चुनाव और अधिक रोचक होने की संभावना है।