तालिबान के विदेश मंत्री Amir Khan Muttaqi की भारत यात्रा: क्या है इसके पीछे का मकसद?
Amir Khan Muttaqi की भारत यात्रा
Amir Khan Muttaqi India visit: तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी वर्तमान में छह दिवसीय भारत यात्रा पर हैं, जिसमें वे दारुल उलूम देवबंद मदरसा और ताजमहल का दौरा करेंगे। इस दौरान, वे विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य प्रमुख भारतीय नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। सूत्रों के अनुसार, मुत्तकी भारत यात्रा करने वाले पहले उच्चस्तरीय तालिबान अधिकारी हैं।
यात्रा का उद्देश्य
मुत्तकी की यह यात्रा भारत और तालिबान के बीच कार्य संबंध स्थापित करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। अगस्त 2021 में अशरफ गनी सरकार के पतन के बाद से भारत ने काबुल में तालिबान शासन को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है। इस यात्रा के माध्यम से भारत तालिबान के साथ संवाद स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल
मुत्तकी अपने साथ पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल लेकर नई दिल्ली पहुंचे हैं। इसमें उद्योग एवं वाणिज्य उप मंत्री अहमदुल्ला जाहिद, विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशिया मामलों के निदेशक नूर अहमद नूर और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जिया अहमद तकाल शामिल हैं। उन्हें भारत में आधिकारिक प्रोटोकॉल मिलेगा, जिसमें हैदराबाद हाउस में जयशंकर के साथ बैठक भी शामिल है। 10 अक्टूबर को उनकी बैठक मुख्य दिन होगी, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की संभावना भी है।
बैठक का महत्व
यह बैठक दोनों पक्षों के लिए पहली औपचारिक मुलाकात होगी। इसमें सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की संभावना है। इसके अलावा, अफगान छात्रों, व्यापारियों और चिकित्सा रोगियों के वीज़ा संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। भारत में तालिबान के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने का मामला भी इस बैठक में उठाया जा सकता है।
दारुल उलूम देवबंद का दौरा
मुत्तकी 11 अक्टूबर को दारुल उलूम देवबंद का दौरा करेंगे। यह स्थान तालिबान नेताओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई वरिष्ठ कमांडर और नेता पाकिस्तान में दारुल उलूम हक्कानिया से शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। दारुल उलूम हक्कानिया की स्थापना देवबंद मदरसे की तर्ज पर की गई थी। इसके संस्थापक मौलाना अब्दुल हक ने पहले देवबंद में अध्ययन और अध्यापन किया।
ताजमहल का करेंगे दीदार
12 अक्टूबर को मुत्तकी आगरा में ताजमहल देखने जाएंगे। अगले दिन, वे नई दिल्ली में प्रमुख चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम में व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों से मिलेंगे। तालिबान ने हमेशा भारत के साथ व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया है, जो अशरफ गनी सरकार के पतन के बाद प्रभावित हुआ है।
अफगान समुदाय से मुलाकात
मुत्तकी 13 अक्टूबर को नई दिल्ली में अफगान समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे। उनकी भारत यात्रा का समापन 15 अक्टूबर को काबुल लौटकर होगा।
यात्रा का ऐतिहासिक महत्व
मुत्तकी की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब अफगानिस्तान-पाकिस्तान संबंध तनावपूर्ण हैं। हाल ही में पाकिस्तान ने तालिबान पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का समर्थन करने का आरोप लगाया। पिछले महीने मुत्तकी की भारत यात्रा पहले नहीं हो पाई थी क्योंकि उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की यात्रा प्रतिबंध छूट नहीं मिली थी। भारत की पहल के बाद 30 सितंबर को यह छूट प्रदान की गई।