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तेजस फाइटर जेट हादसे में शहीद हुए विंग कमांडर नमांश स्याल की कहानी

तेजस फाइटर जेट के हादसे में शहीद हुए विंग कमांडर नमांश स्याल की कहानी ने पूरे देश को गम में डुबो दिया है। उनकी पत्नी अफसाना और सात वर्षीय बेटी इस दुख से जूझ रहे हैं। नमांश का परिवार और उनके गांव के लोग उनकी शहादत को एक बड़ा नुकसान मानते हैं। जानें इस बहादुर पायलट की कहानी और उनके परिवार की स्थिति के बारे में।
 

नई दिल्ली में शोक की लहर

नई दिल्ली: दुबई एयर शो के अभ्यास के दौरान तेजस फाइटर जेट के दुर्घटनाग्रस्त होने से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। इस हादसे में भारतीय वायु सेना के साहसी पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल की जान चली गई। शुक्रवार को हुई इस घटना के बाद, रविवार को उनका शव तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित सुलूर एयर बेस पर लाया गया।


नमांश स्याल का परिवार और उनकी पत्नी

नमांश, जो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के निवासी थे, को उनके शौर्य, अनुशासन और उत्कृष्ट सेवा के लिए जाना जाता था। उनकी अचानक शहादत ने न केवल देश को बल्कि उनके परिवार को भी गहरे सदमे में डाल दिया है। उनकी पत्नी अफसाना भी भारतीय वायु सेना में अधिकारी हैं, और दोनों ने लगभग 16 साल पहले प्रेम विवाह किया था, साथ में देश की सेवा का संकल्प लिया था।


पत्नी की भावनाएँ

कैसी है अभी पत्नी की स्थिति?

अफसाना अपने पति की शहादत पर गर्व महसूस कर रही हैं, लेकिन उनके जाने का गहरा दुख उन्हें अंदर से तोड़ रहा है। दोनों ने अपने जीवन में कई सपने देखे थे, जिन्हें वे एक साथ पूरा करना चाहते थे, लेकिन यह सब एक पल में खत्म हो गया।


परिवार की स्थिति

पूरे इलाके में कैसी है स्थिति?

उनकी सात वर्षीय बेटी को अभी यह समझ नहीं आ रहा है कि उसके पिता अब वापस नहीं आएंगे। नमांश का परिवार इस दुख से उबरने में असमर्थ है। कांगड़ा में जब लोगों को उनकी मृत्यु की सूचना मिली, तो पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। बड़ी संख्या में लोग उनके घर पहुंचकर परिवार को सांत्वना देने लगे।


नमांश का पारिवारिक पृष्ठभूमि

कैसा था उनका फैमली बैकग्राउंड?

नगरोटा बगवां के विंग कमांडर स्याल हमेशा अपने अनुशासन और उत्कृष्टता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपनी शिक्षा सैनिक स्कूल सुजानपुर टीरा से प्राप्त की थी। उनके पिता जगन नाथ पहले सेना में अधिकारी रहे और बाद में हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में प्रिंसिपल बने।


अंतिम संस्कार की जानकारी

कब होगा अंतिम संस्कार?

दुबई से कोयंबटूर लाए गए पार्थिव शरीर को औपचारिक प्रक्रिया के बाद वायु सेना द्वारा सम्मान के साथ प्राप्त किया गया। हालांकि, विंग कमांडर नमांश के अंतिम संस्कार की तारीख और स्थान की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है। वायु सेना और उनके गांव के लोग उनकी शहादत को देश के लिए एक बड़ा नुकसान मानते हैं। सभी उनकी बहादुरी और समर्पण को याद कर रहे हैं।