×

तेजस्वी यादव ने जेडीयू एमएलसी दिनेश सिंह पर चुनावी फर्जीवाड़े के आरोप लगाए

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जेडीयू के एमएलसी दिनेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए चुनावी फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया कि दिनेश सिंह के पास दो अलग-अलग वोटर आईडी हैं, जिनका उपयोग विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में किया गया है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और क्या हो सकता है आगे।
 

बिहार विधानसभा में गंभीर आरोप

पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जेडीयू के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले विधान पार्षद (एमएलसी) दिनेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए चुनावी फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। तेजस्वी ने दावा किया कि जदयू एमएलसी के पास दो अलग-अलग एपिक आईडी हैं।


तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि दिनेश सिंह के पास दो एपिक आईडी हैं- आरईएम0933267 और यूटीओ1134527। आरोप है कि इन दोनों आईडी के माध्यम से उनके नाम पर दो अलग-अलग जिलों, दो अलग-अलग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों और दो अलग-अलग विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में वोट दर्ज हैं।


तेजस्वी यादव के अनुसार, मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान दिनेश सिंह ने दो अलग-अलग गणना फॉर्म भरे और दोनों पर अलग-अलग हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग के अधिकारियों ने यह प्रमाणित किया कि हस्ताक्षर खुद दिनेश सिंह ने किए हैं? इसके अलावा, उन्होंने पूछा कि चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित नई ड्राफ्ट सूची में एक ही व्यक्ति के नाम पर दो एपिक कार्ड और अलग-अलग क्षेत्रों में दो वोट कैसे दर्ज हो गए?


तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के करीबी होने के कारण चुनाव आयोग ने जानबूझकर यह गड़बड़ी होने दी। उन्होंने यह भी कहा कि दिनेश सिंह की पत्नी और वैशाली से सांसद वीणा देवी के पास भी दो अलग-अलग वोट और एपिक आईडी हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह चुनाव आयोग द्वारा एनडीए को लाभ पहुंचाने के लिए की गई चुनावी धांधली नहीं है?


नेता प्रतिपक्ष ने चुनाव आयोग से मांग की कि वह एसआईआर में हो रही गड़बड़ियों और गलतियों को स्वीकार करे। इसके साथ ही उन्होंने आयोग से अनुरोध किया कि दिनेश सिंह के खिलाफ दोनों स्थानों से अलग-अलग नोटिस जारी किए जाएं।