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तेलंगाना की दलित युवती ने DSP बनकर किया परिवार का नाम रोशन

करमिनगर जिले की 29 वर्षीय दलित युवती मोदमपल्ली महेश्वरी ने तेलंगाना लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) की नौकरी हासिल की है। उन्होंने अपने दिवंगत पिता के सपने को साकार करने के लिए कठिनाइयों का सामना किया। महेश्वरी की कहानी न केवल उनकी मेहनत और दृढ़ता को दर्शाती है, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण और शिक्षा के महत्व को भी उजागर करती है। जानें उनके संघर्ष और सफलता की पूरी कहानी।
 

DSP मोदमपल्ली महेश्वरी की प्रेरणादायक कहानी

DSP मोदमपल्ली महेश्वरी: करमिनगर जिले के मानकोंडूर की 29 वर्षीय दलित युवती मोदमपल्ली महेश्वरी ने गरीबी और कठिनाइयों को पार करते हुए तेलंगाना लोक सेवा आयोग (TGPAC) ग्रुप-1 परीक्षा में सफलता प्राप्त की और डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) की नौकरी हासिल की। महेश्वरी ने अपने दिवंगत पिता के सिविल सेवक बनने के सपने को पूरा करने के लिए अडिग संकल्प और मेहनत दिखाई।


आर्थिक चुनौतियों पर विजय

महेश्वरी ने हैदराबाद के तेलंगाना एससी स्टडी सर्कल से सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग ली, जिसे वे अपनी सफलता का मुख्य आधार मानती हैं। उन्होंने करमिनगर के सरकारी महिला डिग्री कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और सतवाहन विश्वविद्यालय पेद्दापल्ली जिले के गोदावरीखानी से भौतिकी में एम.एससी. की डिग्री हासिल की। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी।


पिता की यादें बनीं प्रेरणा

महेश्वरी के पिता लक्ष्मण, जो खाड़ी में काम करते थे, का 2021 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनकी मां शंकरम्मा, जो एक कृषि मजदूर हैं, ने उन्हें पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया। महेश्वरी कहती हैं, "मेरे पिता की यादें मुझे हमेशा मेहनत करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं।"


सिविल सेवा में सफलता का लक्ष्य

महेश्वरी का उद्देश्य साइबर सुरक्षा जागरूकता और महिलाओं के शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। वे सिविल सेवा परीक्षा में भी सफलता प्राप्त करना चाहती हैं। उनकी कहानी मेहनत, दृढ़ता और आत्मविश्वास की एक प्रेरणादायक मिसाल है.