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तेलंगाना के यादाद्रिगुट्टा मंदिर के बोर्ड गठन में देरी, मंत्री विवाद का असर

तेलंगाना के यादाद्रिगुट्टा मंदिर के विकास और प्रबंधन के लिए आवश्यक बोर्ड का गठन अब तक नहीं हो पाया है। इस देरी का कारण राज्य सरकार के दो मंत्रियों के बीच चल रही खींचतान है, जो अपने पसंदीदा व्यक्तियों को बोर्ड में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे मंदिर के संचालन और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सभी की नजरें इस बोर्ड के शीघ्र गठन पर हैं ताकि मंदिर से जुड़े कार्य निर्बाध रूप से चल सकें।
 

यादाद्रिगुट्टा मंदिर का प्रबंधन प्रभावित

तेलंगाना में स्थित प्रसिद्ध यादाद्रिगुट्टा मंदिर के विकास और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार बोर्ड (यादाद्रिगुट्टा मंदिर विकास प्राधिकरण - YTDA) का गठन अब तक नहीं हो पाया है, जिससे संबंधित कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। सूत्रों और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस बोर्ड के गठन में देरी का कारण राज्य सरकार के दो प्रमुख मंत्रियों के बीच चल रही खींचतान है।

हर मंत्री अपने पसंदीदा व्यक्तियों को बोर्ड में महत्वपूर्ण पद दिलाने के लिए प्रयासरत है, जिसके कारण नियुक्तियों पर सहमति नहीं बन पा रही है। यह बोर्ड मंदिर के सुचारू संचालन, रखरखाव, विकास परियोजनाओं और लाखों श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं की देखरेख करता है। बोर्ड के गठन में देरी से इन महत्वपूर्ण कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

मंत्रियों के बीच की यह राजनीतिक खींचतान मंदिर के प्रबंधन और विकास पर सीधा असर डाल रही है, जिससे चिंताएं बढ़ रही हैं। सभी की नजरें बोर्ड के शीघ्र गठन पर हैं ताकि मंदिर से जुड़े आवश्यक कार्य बिना किसी रुकावट के जारी रह सकें।