×

तेलंगाना में मूसलधार बारिश से जनजीवन प्रभावित

तेलंगाना में पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। हैदराबाद सहित कई जिलों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाई है और राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। बांधों के जलस्तर में वृद्धि के कारण निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

तेलंगाना में भारी बारिश का असर

तेलंगाना में पिछले 24 घंटों से हो रही तेज बारिश ने सामान्य जीवन को पूरी तरह से बाधित कर दिया है। हैदराबाद और अन्य जिलों में सड़कों पर जलभराव, ट्रैफिक जाम और घरों में पानी घुसने की घटनाएं बढ़ गई हैं। आईटी कॉरिडोर में पानी भरने के कारण साइबराबाद ट्रैफिक पुलिस ने कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम करने की सलाह दी है। इसके अलावा, हवाई सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं, और खराब दृश्यता के कारण राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कई उड़ानों को डायवर्ट किया गया।


राज्य में बाढ़ जैसे हालात

बारिश का प्रभाव केवल शहर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। कामारेड्डी और मेदक जिलों में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने पिछले 50 वर्षों का आंकड़ा तोड़ दिया है। कामारेड्डी के राजमपेट मंडल के अरगोंडा स्टेशन पर 44 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो दशकों में सबसे अधिक है।


मुख्यमंत्री की आपात बैठक

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने एक आपात बैठक बुलाई है और एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ की टीमों को राहत कार्य में लगाया गया है। बांधों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने पर कई गेट खोले गए हैं, जिससे निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।


हैदराबाद में स्थिति गंभीर

लगातार बारिश ने हैदराबाद की सड़कों को तालाब में बदल दिया है। आईटी कॉरिडोर और निचले क्षेत्रों में जलभराव के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पुलिस ने लोगों से अनावश्यक यात्रा न करने और घरों में रहने की अपील की है।


उड़ानों पर प्रभाव

खराब मौसम और दृश्यता कम होने के कारण मुंबई, पुणे और कोलकाता से आने वाली कई उड़ानें हैदराबाद एयरपोर्ट पर नहीं उतर सकीं। एयरलाइन कंपनियों ने यात्रियों को यात्रा से पहले उड़ानों की स्थिति की जांच करने की सलाह दी है।


बांधों से पानी छोड़ा गया

उस्मानसागर और हिमायतसागर बांधों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। पानी छोड़ने के लिए गेट खोले गए हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जल बोर्ड ने 24 घंटे निगरानी के निर्देश दिए हैं और नदी तटीय क्षेत्रों के निवासियों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।