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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बढ़ता तनाव: क्या है मामला?

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर तनाव बढ़ता जा रहा है, जो क्षेत्र की शांति को खतरे में डाल सकता है। हाल की घटनाओं ने दोनों देशों के बीच विवाद को और गहरा कर दिया है। जानें इस संघर्ष की जड़ें, दोनों देशों के दृष्टिकोण और संभावित समाधान के बारे में। क्या यह विवाद अंतरराष्ट्रीय न्यायालय तक पहुंचेगा? पढ़ें पूरी जानकारी के लिए।
 

थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष

थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष: भारत-पाकिस्तान और चीन-ताइवान जैसे विवादों की चर्चा तो होती है, लेकिन अब थाईलैंड और कंबोडिया जैसे शांत माने जाने वाले देशों के बीच स्थिति गंभीर हो गई है। सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती से युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं। हाल की घटनाओं ने क्षेत्र में शांति की कोशिशों को बड़ा झटका दिया है।


यह सब 28 मई को शुरू हुआ, जब एक अनिर्धारित सीमा क्षेत्र में झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई। इसके बाद दोनों देशों में बयानबाज़ी और सैनिकों की तैनाती का दौर शुरू हो गया। थाईलैंड ने स्पष्ट किया है कि उसने अपनी सैन्य स्थिति को मजबूत किया है क्योंकि कंबोडिया की तरफ से घुसपैठ और उकसावे की घटनाएं बढ़ी हैं।


थाई सेना की प्रतिक्रिया

थाई सेना का क्या कहना है?


थाई रक्षा मंत्री और उप प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने कहा कि कंबोडिया द्विपक्षीय वार्ता के प्रस्तावों को खारिज कर रहा है, जिससे स्थिति और बिगड़ गई है। थाई सेना का आरोप है कि कंबोडियाई सैनिक और नागरिक बार-बार थाई सीमा में घुसपैठ कर रहे हैं, जिसे उकसावा माना जा रहा है।


कंबोडिया का दृष्टिकोण

कंबोडिया का पक्ष क्या है?


कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने कहा कि उनका देश युद्ध के पक्ष में नहीं है, लेकिन अगर उन पर हमला होता है, तो वे पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने की बात की और कहा कि उनकी संप्रभुता की रक्षा करना सबसे महत्वपूर्ण है।


विवाद का इतिहास

क्या यह विवाद नया है?


थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 817 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें कई हिस्सों को लेकर 100 साल से अधिक पुराना विवाद है। 2008 में एक प्राचीन हिंदू मंदिर को लेकर भी दोनों देशों के बीच गोलाबारी हुई थी, जिसमें कई जानें गई थीं। अब वही विवाद नई सरकारों और पीढ़ियों के बीच फिर से उभर रहा है।


संभावित समाधान

क्या समाधान निकलेगा?


कंबोडिया इस मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने की योजना बना रहा है, लेकिन थाईलैंड ने इसे खारिज कर दिया है। थाई सरकार का मानना है कि सीमा विवादों का समाधान केवल आपसी बातचीत से ही संभव है, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है।


दुनिया के अन्य हिस्सों में चल रहे संघर्षों के बीच, दक्षिण-पूर्व एशिया में भी एक नया तनाव उभर रहा है। थाईलैंड और कंबोडिया जैसे शांत देशों के बीच यह मामला क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।