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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद: अमेरिका की मध्यस्थता से शांति की उम्मीद

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयासों में तेजी आई है। दोनों देशों के नेता मलेशिया में एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने वाले हैं, जिसमें अमेरिका भी अपनी भूमिका निभा रहा है। इस संघर्ष में अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है। जानें, क्या अमेरिका की मध्यस्थता से इस हिंसक टकराव का स्थायी समाधान निकल पाएगा?
 

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बढ़ता सीमा विवाद

दक्षिण-पूर्व एशिया के दो पड़ोसी देशों, थाईलैंड और कंबोडिया, के बीच चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयासों में तेजी आई है। दोनों देशों के प्रमुख नेता सोमवार को मलेशिया में एक महत्वपूर्ण मध्यस्थता बैठक में शामिल होने वाले हैं। इस बीच, अमेरिका ने भी अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा है कि उनके विदेश मंत्रालय के अधिकारी मलेशिया पहुंच चुके हैं और शांति वार्ता में सहायता कर रहे हैं.


अमेरिका की शांति प्रयासों में भागीदारी

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पुष्टि की है कि अमेरिका इस संघर्ष को जल्द समाप्त होते देखना चाहता है। उन्होंने बताया कि अमेरिकी अधिकारी मलेशिया में मौजूद हैं और संघर्ष विराम के लिए चल रहे शांति प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। रुबियो के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं से बात कर तत्काल युद्धविराम की अपील की है.


मलेशिया में शांति वार्ता में शामिल होने वाले नेता

थाई सरकार के अनुसार, कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचायाचाई मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के निमंत्रण पर इस महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेंगे। कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट के भी वार्ता में शामिल होने की संभावना है। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब दोनों देश एक-दूसरे पर सीमा क्षेत्र में हमले का आरोप लगा रहे हैं.


सीमा पर संघर्ष का बढ़ता प्रभाव

थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर मई के अंत में शुरू हुई झड़प अब तक बड़े पैमाने पर हिंसा में बदल चुकी है। इस संघर्ष में अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 13 थाई और 8 कंबोडियाई नागरिक शामिल हैं। इसके अलावा, लगभग 2 लाख लोगों को सुरक्षा कारणों से अपने घर छोड़ने पड़े हैं.


ट्रंप की व्यापारिक चेतावनी

डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को दोनों देशों के नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया कि यदि संघर्ष जारी रहा तो अमेरिका उनके साथ व्यापारिक समझौते को आगे नहीं बढ़ाएगा। उन्होंने कहा, 'जब तक यह लड़ाई नहीं रुकती, अमेरिका किसी भी व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगा.'


थाईलैंड की राजनीतिक स्थिति

इस विवाद का राजनीतिक असर भी दिखने लगा है। पहले से ही अस्थिर स्थिति में चल रही थाईलैंड की गठबंधन सरकार इस सीमा विवाद के कारण टूटने के कगार पर पहुंच गई है। सीमाई इलाकों में सैनिकों की भारी तैनाती और राजनीतिक दबाव ने आंतरिक संकट को और गहरा कर दिया है.


क्या अमेरिका की मध्यस्थता सफल होगी?

अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या अमेरिका की मौजूदगी और मध्यस्थता से इस हिंसक टकराव का कोई स्थायी समाधान निकल पाएगा या नहीं। इससे पहले ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम का श्रेय भी खुद को दिया था, जिसे भारत ने सार्वजनिक रूप से खारिज किया था। अब देखना होगा कि थाईलैंड और कंबोडिया ट्रंप की इस पहल को किस रूप में स्वीकारते हैं.