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थिरुपरन्कुंद्रम पहाड़ी पर कर्थिगई दीपम समारोह में विवाद: मंदिर प्रशासन ने कोर्ट के आदेश की अनदेखी की

मदुरै के थिरुपरन्कुंद्रम पहाड़ी पर कर्थिगई दीपम समारोह के दौरान मंदिर प्रशासन ने मद्रास हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी की, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ। पुलिस और दक्षिणपंथी संगठनों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। अदालत ने दीप जलाने के लिए कड़े निर्देश दिए, लेकिन प्रशासन ने सामुदायिक सौहार्द का हवाला देते हुए आदेश का पालन नहीं किया। इस घटना ने धार्मिक विविधता और पहाड़ी के स्वामित्व को लेकर चल रहे विवाद को फिर से उजागर किया है।
 

बेंगलुरु में कर्थिगई दीपम समारोह का हाई वोल्टेज ड्रामा


बेंगलुरु: मदुरै के थिरुपरन्कुंद्रम पहाड़ी पर आयोजित कर्थिगई दीपम समारोह बुधवार को एक विवाद का केंद्र बन गया। मंदिर प्रशासन ने मद्रास हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए दीप को पारंपरिक स्थल उच्चिपिल्लैयार मंदिर मंडपम में जलाया, जबकि अदालत ने इसे दीपथून नामक प्राचीन पत्थर के स्तंभ पर शाम 6 बजे तक जलाने का निर्देश दिया था।


विवाद और पुलिस की कार्रवाई

हाई कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी से विवाद उत्पन्न हुआ, जिसके चलते पुलिस और दक्षिणपंथी संगठनों के बीच झड़प हुई, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था के संदर्भ में अदालत के आदेश को चुनौती देने का निर्णय लिया है।


धारा 163 के तहत रोक और तनाव

तनाव उस समय बढ़ा जब याचिकाकर्ता रमा रविकुमार ने कोर्ट के आदेशानुसार CISF कर्मियों के साथ पहाड़ी पर चढ़ने का प्रयास किया। मदुरै जिला कलेक्टर ने सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत रोक लगाई, जिसके बाद राज्य पुलिस ने उन्हें रोका।


अदालत का कड़ा रुख

बुधवार सुबह मंदिर प्रशासन ने अदालत के आदेश को चुनौती दी, यह कहते हुए कि इससे सामुदायिक सौहार्द प्रभावित हो सकता है। इसके जवाब में जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने कड़ा रुख अपनाया और चेतावनी दी कि दीप शाम 6 बजे तक जलाया जाए, अन्यथा अवमानना कार्यवाही शुरू की जाएगी। जज ने आदेश का पालन करने की स्थिति के बारे में सीधा जवाब मांगा।


मंदिर परिसर में तनाव और झड़पें

मंदिर परिसर में स्थिति अत्यधिक तनावपूर्ण रही। हिंदू मन्नानी सहित कई संगठनों के कार्यकर्ता मंदिर के सामने इकट्ठा हुए और अदालत के निर्देशानुसार दीप जलाने की मांग की। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को पार करने का प्रयास किया, जिसके दौरान झड़प में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। हिंदू मन्नानी के एक नेता ने आरोप लगाया कि मंदिर प्रशासन ने अदालत द्वारा निर्देशित स्थान पर दीप जलाने की कोई तैयारी नहीं की थी।


धार्मिक विविधता और विवाद

थिरुपरन्कुंद्रम पहाड़ी लंबे समय से धार्मिक सह-अस्तित्व का संवेदनशील स्थल रही है। यहां भगवान मुरुगन के छह पवित्र स्थलों में से एक सुब्रमण्यस्वामी मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर और सिकंदर बदूशा दरगाह एक ही परिसर में स्थित हैं। हाल ही में एक सांसद द्वारा पहाड़ी पर मांस सेवन को लेकर हिंदू संगठनों के विरोध के बाद तनाव बढ़ गया था। बीजेपी ने इसे दक्षिण की अयोध्या के रूप में प्रस्तुत किया है। पहाड़ी के स्वामित्व को लेकर कानूनी और ऐतिहासिक विवाद अब भी जारी है।