दक्षिण पश्चिम मानसून ने देश में समय से पहले दस्तक दी, भारी बारिश की चेतावनी
देशभर में मानसून का प्रभाव
नई दिल्ली। इस वर्ष दक्षिण पश्चिम मानसून ने समय से पहले पूरे भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। मौसम विभाग के अनुसार, जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि अगले छह से सात दिनों के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। उत्तर भारत से लेकर मध्य भारत और पूर्वी राज्यों तक में बारिश की चेतावनी जारी की गई है। विशेष रूप से राजस्थान में अगले सप्ताह तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में अगले कुछ दिनों में अच्छी खासी बारिश होगी। राजस्थान में भी बहुत भारी वर्षा की संभावना है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और झारखंड में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। पिछले एक सप्ताह से देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून की बारिश जारी है।
जनजीवन पर प्रभाव
इस समय हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मानसून की बारिश से जनजीवन सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। इन राज्यों में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण कई लोगों की जान गई है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में सोमवार रात को चार स्थानों पर बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। बाढ़ और भूस्खलन के कारण चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 16 लोग लापता हैं। राज्य में अब तक लगभग 50 लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तराखंड में कोटद्वार और बद्रीनाथ मार्ग पर सतपुली के पास भूस्खलन के कारण पौड़ी और मेरठ नेशनल हाईवे बंद हो गया है।
राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति
राजस्थान के अलवर में लगातार दो दिनों की भारी बारिश के कारण सड़कों पर दो फीट तक पानी भर गया है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। सोमवार सुबह हुई तेज बारिश के बाद सड़कों पर पानी भर गया, जिसमें कई वाहन फंस गए और दुकानों में पानी भर गया। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है। लखीमपुर में शारदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जबकि वाराणसी में गंगा उफान पर है।