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दबलैन में एक करोड़ की लागत से बनेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, मिलेगा शुद्ध पेयजल

जींद के दबलैन में एक करोड़ रुपये की लागत से जल उपचार संयंत्र का निर्माण किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य गांव के हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाना है। कार्यकारी अभियंता गुरमीत सिंह ने परियोजना का निरीक्षण किया और बताया कि यह प्लांट सितंबर तक तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही, जल संरक्षण के लिए विभिन्न परियोजनाएं भी चल रही हैं। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और कैसे यह स्थानीय निवासियों के लिए फायदेमंद होगा।
 

जल उपचार संयंत्र का निरीक्षण


जींद के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंडल के कार्यकारी अभियंता गुरमीत सिंह ने बुधवार को दबलैन में बन रहे जल उपचार संयंत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य गांव के हर घर में साफ और पर्याप्त मात्रा में पेयजल पहुंचाना है। इसके लिए लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से यह प्लांट बनाया जा रहा है, जिसका कार्य सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इस निरीक्षण के दौरान उपमंडल अभियंता कुलदीप कोहाड और अन्य तकनीकी कर्मचारी भी उपस्थित थे।


जल आपूर्ति के लिए कई परियोजनाएं

गुरमीत सिंह ने कहा कि दबलैन जल उपचार संयंत्र जल्द ही तैयार हो जाएगा और गांव को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। विभाग का लक्ष्य हर घर तक शुद्ध पानी पहुंचाना है। इसके लिए सभी गांवों में पाइपलाइन, बूस्टर, ट्यूबवेल और जलघर का निर्माण किया जा रहा है। उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं के अनुसार ग्राम पंचायतों और जल एवं सीवरेज समितियों से संपर्क किया जा रहा है।


जल संरक्षण अभियान

जिला सलाहकार रणधीर मताना ने बताया कि नरवाना, उझाना और उचाना के गांवों में जल संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन की संयुक्त टीम गांवों में सर्वेक्षण कर रही है ताकि पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। जिन घरों में अवैध कनेक्शन हैं, उन्हें नोटिस देकर कार्रवाई की जा रही है।