दलाई लामा का पुनर्जन्म: क्या अगला दलाई लामा भारत में होगा?
दलाई लामा का 90वां जन्मदिन और पुनर्जन्म का सवाल
तिब्बत के revered spiritual leader और शांति के प्रतीक, दलाई लामा, 6 जुलाई को 90 वर्ष के हो जाएंगे। इस विशेष अवसर पर, उनके योगदान पर चर्चा हो रही है, लेकिन एक महत्वपूर्ण प्रश्न भी उठ रहा है - क्या दलाई लामा का पुनर्जन्म होगा? यदि हां, तो अगला दलाई लामा कौन होगा और उसकी पहचान कैसे की जाएगी? यह जानना बेहद दिलचस्प है।
दलाई लामा की पहचान
दलाई लामा का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है - 'दलाई', जिसका अर्थ है समुद्र, और 'लामा', जिसका अर्थ है गुरु। यह एक ऐसा गुरु है जिसकी बुद्धि समुद्र की गहराई के समान हो। तेनजिन ग्यात्सो, जो वर्तमान में 14वें दलाई लामा हैं, का जन्म 6 जुलाई 1935 को तिब्बत के ताकस्तेर गांव में हुआ था। उन्हें केवल 4 वर्ष की आयु में 14वां दलाई लामा घोषित किया गया था।
पुनर्जन्म की प्रक्रिया
बौद्ध धर्म में यह मान्यता है कि दलाई लामा का पुनर्जन्म होता है, और नया दलाई लामा पुराने लामा की आत्मा का अगला रूप होता है। इस खोज को विशेष भिक्षु मंडल द्वारा किया जाता है, जो बच्चे के हावभाव, सपनों और दिव्य संकेतों के आधार पर उसकी पहचान करते हैं। हालांकि, चीन इस प्रक्रिया में राजनीतिक हस्तक्षेप करता रहा है, जिस पर तिब्बती समुदाय ने आपत्ति जताई है।
दलाई लामा की विशेषताएँ
- दलाई लामा को 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- उन्होंने 'The Art of Happiness' जैसी प्रसिद्ध किताबें लिखी हैं।
- वह धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में निवास करते हैं, जिसे अब 'लिटिल तिब्बत' कहा जाता है।
- वह माइंडफुलनेस, ब्रेन रिसर्च और विज्ञान में गहरी रुचि रखते हैं।
क्या अगला दलाई लामा भारत में होगा?
दलाई लामा ने यह भी कहा है कि यदि उनका पुनर्जन्म होता है, तो वह भारत में भी हो सकता है, न कि चीन के कब्जे वाले तिब्बत में। इससे यह संकेत मिलता है कि अगला दलाई लामा एक बार फिर से पूरी दुनिया के लिए उम्मीद और शांति का प्रतीक बनकर उभर सकता है।