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दवा कंपनियों की चालाकी: GST कटौती का असली असर

इस लेख में दवा कंपनियों की चालाकी और GST कटौती के प्रभाव पर चर्चा की गई है। जानें कैसे 22 सितंबर से कीमतों में कोई कमी नहीं आएगी और उपभोक्ताओं को कैसे नुकसान हो रहा है। OLKEM TRIO दवा के उदाहरण के माध्यम से समझें कि कैसे कंपनियां कीमतें बढ़ा रही हैं।
 

दवा की कीमतों में बढ़ोतरी का रहस्य

नई दिल्ली। दवा कंपनियों की चालाकी को समझना जरूरी है। 22 सितंबर से आम उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में कोई कमी नहीं आने वाली है।

15 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी ने GST में कटौती की घोषणा की थी, जिसके तुरंत बाद कंपनियों ने कीमतें बढ़ा दीं। उदाहरण के लिए, OLKEM TRIO 12.5 नामक दवा की कीमत 12 अगस्त को 193 रुपये थी, जिसमें 6 प्रतिशत GST शामिल था। लेकिन 25 अगस्त को इसकी कीमत अचानक बढ़कर 212.50 रुपये हो गई। इसका मतलब है कि दवा की कीमत में 19.50 रुपये की वृद्धि हुई। 22 सितंबर को जब GST समाप्त होगा, तो यह दवा 189.73 रुपये में मिलेगी। ग्राहक को केवल 3.27 रुपये का लाभ होगा, जो कि GST में कमी के बाद का है।

यदि दवा कंपनी ने 15 अगस्त के बाद कीमतें नहीं बढ़ाई होती, तो GST समाप्त होने पर उसे 20 रुपये से अधिक का लाभ होता। लेकिन अब उसे यह लाभ नहीं मिलेगा। यह दर्शाता है कि सरकार की नीतियों पर कितना नियंत्रण है। आपको भी देखना चाहिए कि आप कहाँ-कहाँ धोखे का सामना कर रहे हैं।