दशहरा 2025: रावण के विनाश के पीछे के श्राप
दशहरा 2025 का महत्व
Dussehra 2025: इस वर्ष दशहरा का पर्व 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार को मनाया जाएगा, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह दिन भगवान श्रीराम द्वारा रावण का वध करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल दशहरा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
रावण के विनाश के कारण
जब हम रामलीला का मंचन देखते हैं, तो अक्सर यह सुनने को मिलता है कि रावण की मृत्यु का कारण माता सीता थीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण के अंत के पीछे कई श्राप भी थे? आइए जानते हैं रावण के विनाश के प्रमुख कारण:
पहला श्राप: राजा अनरण्य का श्राप
पहला श्राप राजा अनरण्य ने दिया
रावण को पहला श्राप राजा अनरण्य से प्राप्त हुआ। राजा अनरण्य, जो श्रीराम के वंशज थे, ने रावण से युद्ध में हारने के बाद उसे श्राप दिया कि उसकी मृत्यु मेरे वंशजों के हाथों होगी। चूंकि श्रीराम रघुकुल में जन्मे थे, यह श्राप रावण के लिए विनाशकारी साबित हुआ।
दूसरा श्राप: मंदोदरी की बहन माया का श्राप
दूसरा श्राप मंदोदरी की बहन माया ने दिया
रावण को दूसरा श्राप उसकी पत्नी मंदोदरी की बहन माया से मिला। रावण ने माया को अपने जाल में फंसा लिया था, जिसके कारण माया ने उसे श्राप दिया कि उसकी वासना ही उसकी मृत्यु का कारण बनेगी। यह श्राप रावण के लिए सटीक सिद्ध हुआ, क्योंकि उसकी मृत्यु अंत में वानरों और विशेषकर भगवान हनुमान के कारण हुई।
तीसरा श्राप: नंदी का श्राप
तीसरा श्राप नंदी ने दिया
रावण को तीसरा श्राप भगवान शिव के वाहन नंदी ने दिया था। रावण ने नंदी का मजाक उड़ाया था, जिससे नाराज होकर नंदी ने उसे श्राप दिया कि उसका सर्वनाश वानर के कारण होगा। भगवान हनुमान और वानर सेना के कारण रावण का अंत हुआ, जो इस श्राप का परिणाम था।
चौथा श्राप: शूर्पणखा का श्राप
चौथा श्राप शूर्पणखा ने दिया
रावण की बहन शूर्पणखा ने भी उसे श्राप दिया था। रावण ने शूर्पणखा के पति विद्युतजिव्ह का वध किया, जिससे दुखी होकर शूर्पणखा ने रावण को श्राप दिया कि एक दिन उसका और उसके कुल का विनाश मेरी वजह से होगा। यह श्राप भी अंत में सच हुआ, क्योंकि रावण का नाश शूर्पणखा के कारण ही हुआ।