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दशहरा पर रावण के प्रतीक विकारों का योग अग्नि से नाश करें: ब्रह्माकुमारी वसुधा

दशहरा के अवसर पर, ब्रह्माकुमारी वसुधा ने रावण के प्रतीक विकारों को योग अग्नि में भस्म करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपने अंदर की नकारात्मक भावनाओं को समाप्त करना चाहिए ताकि हम एक सुखमय और दिव्य जीवन जी सकें। इस कार्यक्रम में रावण का पुतला जलाकर समाज में व्याप्त बुराइयों का नाश करने का संकल्प लिया गया। जानें इस विशेष अवसर पर और क्या कहा गया।
 

दशहरा पर्व का महत्व


चरखी दादरी समाचार: विजय दशमी के अवसर पर, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की झोझूकलां शाखा में आयोजित एक कार्यक्रम में, सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने कहा कि हमें रावण के प्रतीक विकारों जैसे काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि को योग अग्नि में भस्म कर अपने जीवन को दिव्य गुणों से सजाना चाहिए।


आवश्यकता है आंतरिक विकारों का नाश

इस अवसर पर, प्रभु पसंद भवन में रावण का पुतला जलाया गया, जिसमें सभी उपस्थित भाई-बहनों ने समाज में व्याप्त बुराइयों और व्यसनों की आहुति दी। वसुधा बहन ने कहा कि विजयदशमी पर जलाए जाने वाले पुतले अधर्म और विकारों का प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि हमें अपने अंदर की ईष्र्या, द्वेष और घृणा को समाप्त करने के लिए परमपिता परमात्मा की स्मृति से योग अग्नि में भस्म करना होगा।


उन्होंने यह भी कहा कि हर साल रावण के पुतले को बड़ा बनाना, समाज में बढ़ती बुराइयों का संकेत है। घरों में कलह और क्लेश का होना रावण के प्रतीक के समान है। इसलिए, हमें सच्चे राम से प्रेम करना चाहिए और अपने अंदर के विकारों को समाप्त करना चाहिए।


इस अवसर पर, हवा सिंह पंच और रामबास सरपंच प्रतिनिधि अशोक शर्मा ने विजयदशमी की शुभकामनाएं दीं और मेडिटेशन को नशामुक्त जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह दी। झोझूकलां सेवाकेंद्र की प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति ने कहा कि यदि हम सभी अपने परिवार और समाज को दिव्य बनाने का संकल्प लें, तो सुख, शांति और प्रेम का वातावरण बनेगा।


योग का महत्व

ब्रह्माकुमारी रेखा बहन ने बताया कि योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होगा। इससे हम किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकेंगे।