दिल्ली-एनसीआर में अवैध प्रवासियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई: क्या है स्थिति?
दिल्ली और एनसीआर में अवैध प्रवासियों की पहचान
illegal immigrants India: दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों की पहचान के लिए प्रशासन ने अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है। विशेष रूप से दिल्ली और गुड़गांव में हाल ही में एक वेरिफिकेशन ड्राइव का आयोजन किया गया है, जिसमें बंगाली भाषी समुदाय के लोगों से नागरिकता से संबंधित दस्तावेज़ मांगे जा रहे हैं। इस प्रक्रिया के दौरान कुछ व्यक्तियों को हिरासत में भी लिया गया है, जिससे नोएडा जैसे क्षेत्रों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है।
नोएडा में असुरक्षा का बढ़ता डर
नोएडा में बढ़ा असुरक्षा का डर
नोएडा के सेक्टर 93A में रहने वाले बिनॉय, जो नारियल बेचते हैं, ने अपनी भारतीय नागरिकता को स्पष्ट करते हुए बताया कि वे कोलकाता से हैं। बिनॉय की चिंता बिल्कुल सही है, क्योंकि मई 2025 में गृह मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिया था कि वे अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकालने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करें।
झुग्गियों में सन्नाटा और ताले
झुग्गियों में पसरा सन्नाटा, घरों पर ताले
गुड़गांव और दिल्ली में ड्राइव शुरू होने के बाद नोएडा के कई इलाकों में बस्तियां सुनसान हो गई हैं। सर्फाबाद लिंक रोड के पास झुग्गियों में रहने वाले बंगाली और बिहारी प्रवासी परिवारों ने डर के कारण अपने इलाकों को छोड़ना शुरू कर दिया है। कई घरों पर ताले लगे हुए हैं, और लोग अपने सामान पैक कर रहे हैं, यहां तक कि बर्तन भी बेच दिए गए हैं।
लोगों का पलायन जारी
आज भी कई लोग चले गए हैं
रुना, जो अपने छोटे बच्चे के साथ रहती हैं, ने बताया कि उन्होंने घर का सामान गांव भेज दिया है और ट्रेन के टिकट भी बुक कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मां पिछले एक साल से बीमार हैं और वर्तमान घटनाक्रम से घबरा गई हैं। रुना ने यह भी स्पष्ट किया कि वे बांग्लादेशी नहीं हैं, बल्कि बंगाली भाषा बोलने वाले भारतीय हैं। फिर भी, प्रशासन के अभियान के चलते खुद को समझाना मुश्किल हो सकता है।
गुड़गांव में भी कार्रवाई
गुड़गांव में भी बंगाली भाषियों को हिरासत में लिया गया
गुड़गांव में पुलिस द्वारा चलाए गए वेरिफिकेशन अभियान में कई बंगाली भाषी लोगों को दस्तावेज़ दिखाने के बावजूद अवैध प्रवासी समझकर हिरासत में लिया गया। हालांकि, पुलिस का कहना है कि वे केवल बांग्लादेशियों को पकड़ रहे हैं। 26 जुलाई को एक बयान में उन्होंने बताया कि वेरिफिकेशन अभियान सीमित उद्देश्य के तहत चलाया जा रहा है।
काम छोड़ना नहीं है आसान
काम छोड़ना संभव नहीं
नोएडा के सेक्टर 78 और 93A में प्रवासी समुदाय में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई लोग हालात सामान्य होने पर लौटने की बात कर रहे हैं। वहीं, कूड़ा बीनने का कार्य करने वाले राजू का कहना है कि वे स्थान नहीं छोड़ सकते क्योंकि उनकी जीविका इसी पर निर्भर है।