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दिल्ली-एनसीआर में गंभीर प्रदूषण: कई क्षेत्रों में AQI 400 के पार

दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर तक पहुंच गई है, जहां कई क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया। इस स्थिति के चलते सांस की समस्याओं से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ रही है। सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण पर जनहित याचिका की सुनवाई भी चल रही है, जिसमें सरकारों से ठोस कदम उठाने की मांग की गई है। जानें इस गंभीर स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
 

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति

नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर तक पहुंच गई। राजधानी के ऊपर धुंध की मोटी परत छाई रही। सुबह 6 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 360 दर्ज किया गया। छह स्थानों पर यह 400 से अधिक रहा, जो गंभीर श्रेणी में आता है।


अलीपुर में AQI 386, आनंद विहार में 384, अशोक विहार में 392, चांदनी चौक में 383, आईटीओ में 394, लोधी रोड में 337, मुंडका में 396, नेहरू नगर में 389 और सिरीफोर्ट में 368 दर्ज किया गया। वहीं, बवाना में AQI 427, डीटीयू में 403, जहांगीरपुरी में 407, नरेला में 406, रोहिणी में 404 और वज़ीरपुर में 401 तक पहुंच गया, जो सभी गंभीर श्रेणी में आते हैं।


नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी प्रदूषण की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। सोमवार को नोएडा के सेक्टर 62 का AQI 319, सेक्टर 116 का 361, सेक्टर 1 का 361 और सेक्टर 125 का 383 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 3 का AQI 356 और नॉलेज पार्क 5 का 416 रहा। लगातार खराब हवा के कारण सांस की समस्याओं से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ रही है।


इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर से शुरू होने वाली है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्तियों के. विनोद चंद्रन व एन.वी. अंजारिया की पीठ 17 नवंबर को इस मामले पर आगे सुनवाई करेगी।


पिछली सुनवाई में अदालत ने चिंता जताई थी कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू होने के बावजूद प्रदूषण में कमी नहीं आ रही है। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार से पराली जलाने पर रोक के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में AQI 450 के पार पहुंच गया है।


मुख्य न्यायाधीश की पीठ पहले ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से उसकी निगरानी और कार्रवाई की रिपोर्ट मांग चुकी है और केंद्र से किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए गिरफ्तारी सहित सख्त दंड पर विचार करने को भी कहा था।