दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की गंभीर स्थिति: एक्यूआई खतरनाक स्तर पर
दिल्ली में प्रदूषण का संकट
खतरनाक स्तर पर बना हुआ है एक्यूआई, लोग स्वच्छ हवा के लिए तरस रहे
नई दिल्ली: दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में निवास करने वाले लोग प्रदूषण के गंभीर प्रभावों से जूझ रहे हैं। पिछले दो महीनों से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद, प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है और एक्यूआई खतरनाक स्तर पर बना हुआ है।
सर्दी और कोहरे के कारण प्रदूषण की स्थिति और भी बिगड़ गई है। इससे दिल्ली-एनसीआर में सांस संबंधी बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है, और लोग खांसी और जुकाम से ग्रस्त हो रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले तीन दिनों तक यही स्थिति बनी रहेगी। हालांकि, एक जनवरी को हल्की बारिश की संभावना है, जिससे प्रदूषण में कुछ कमी आ सकती है।
दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई का हाल
इतना रहा दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई
दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता फिर से बहुत खराब से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, नोएडा और गाजियाबाद में एक्यूआई क्रमशः 409 और 404 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है। वहीं, दिल्ली का एक्यूआई 385 और ग्रेटर नोएडा का 395 रहा। दिल्ली-एनसीआर में हवा में मौजूद प्रदूषकों में पीएम 2.5 की प्रमुखता रही। गाजियाबाद और मेरठ में पीएम 10 की भी मौजूदगी पाई गई।
दिल्लीवासियों की लापरवाही
प्रदूषण के लिए दिल्ली के लोग भी जिम्मेदार
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए केवल बाहरी कारणों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। दिल्लीवासी खुद भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार हैं। सरकार द्वारा प्रदूषण कम करने के लिए किए जा रहे प्रयास विफल होते नजर आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण लोगों की लापरवाही है। दिल्ली में ग्रैप चार लागू है, लेकिन लोग इसके नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। जगह-जगह कूड़े में आग लगाई जा रही है, कोयला और लकड़ी जलाए जा रहे हैं, और वाहनों का अत्यधिक प्रयोग किया जा रहा है। प्रदूषण विभाग को रोजाना हजारों कॉल मिल रही हैं, जिनमें लोग सार्वजनिक स्थलों पर कूड़े में आग लगने की सूचना दे रहे हैं। यही कारण है कि दिल्ली की बिगड़ती हवा के पीछे खुद दिल्लीवासियों की कुछ आदतें भी एक बड़ी वजह बन रही हैं।