दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से व्यापार पर भारी असर, रोजाना 100 करोड़ का नुकसान
दिल्ली में वायु प्रदूषण का व्यापार पर प्रभाव
नई दिल्ली - दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण का असर अब केवल स्वास्थ्य पर नहीं, बल्कि व्यापार पर भी पड़ रहा है। हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गई है, जिससे रिटेल बाजारों में ग्राहकों की संख्या में कमी आई है। लोग अब खरीदारी के लिए बाहर आने से हिचकिचा रहे हैं, जिससे व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है।
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने इस गंभीर स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों के साथ एक आपात बैठक बुलाने की मांग की है। गोयल ने बताया कि प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर में ग्राहक संख्या में भारी गिरावट आई है। पहले जहां रोजाना 3 से 4 लाख लोग खरीदारी के लिए आते थे, अब यह संख्या घटकर लगभग 1 लाख रह गई है। सांस के मरीजों में डर बढ़ गया है, जिससे वे घर से बाहर नहीं निकलना चाह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह शादी-विवाह का सीजन है, जब बाजारों में रौनक होती है, लेकिन इस बार दुकानों पर सन्नाटा छाया हुआ है। ग्राहक नहीं आ रहे हैं और डॉक्टरों के पास सांस और फेफड़ों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। प्रदूषण के कारण दिल्ली के व्यापार को हर दिन लगभग 100 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। सीटीआई महासचिव गुरमीत अरोड़ा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग ने कहा कि यह समस्या केवल दिल्ली की नहीं, बल्कि पूरे एनसीआर की है। नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत में भी हवा की स्थिति बेहद खराब है।
उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है, लेकिन यह अकेले के लिए संभव नहीं है। जब तक हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान और दिल्ली एक साथ नहीं बैठेंगे, तब तक समाधान नहीं निकलेगा।” सीटीआई उपाध्यक्ष राजेश खन्ना और राहुल अदलखा ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह राज्यों के साथ मिलकर वायु प्रदूषण के खिलाफ ठोस कदम उठाए, अन्यथा व्यापार को भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के 20 लाख व्यापारी सरकार के साथ हैं। यदि सरकार चाहे, तो बाजारों को अलग-अलग समय पर खोलने का नियम लागू किया जा सकता है। व्यापारी सहयोग देने के लिए तैयार हैं।