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दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके: फरीदाबाद में 3.2 तीव्रता का अनुभव

दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार सुबह एक बार फिर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। हरियाणा के फरीदाबाद में 3.2 की तीव्रता का भूकंप आया, जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी अनुभव किया गया। इस घटना में किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह क्षेत्र भूगर्भीय रूप से संवेदनशील है और यहां कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। जानें इस घटना के बारे में और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
 

भूकंप की घटना का विवरण

भूकंप की जानकारी: मंगलवार की सुबह, दिल्ली-एनसीआर के निवासियों ने एक बार फिर हल्के भूकंप के झटके महसूस किए। हरियाणा के फरीदाबाद में सुबह 6:00 बजे 3.2 की तीव्रता का भूकंप आया, जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी अनुभव किया गया। इस घटना में किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।


भूकंप का केंद्र और गहराई

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र फरीदाबाद था और इसकी गहराई 5 किमी नीचे थी। इस घटना से कुछ घंटे पहले, सोमवार तड़के जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भी 3.1 की तीव्रता का भूकंप आया था।


फरीदाबाद में भूकंप के झटके

फरीदाबाद में भूकंप 28.29°N अक्षांश और 72.21°E देशांतर पर केंद्रित था। सुबह के समय आए इन झटकों ने दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम के कई क्षेत्रों में हलचल पैदा कर दी।


जम्मू-कश्मीर में भूकंप की स्थिति

21 जुलाई की रात 1:36 बजे जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में 3.1 की तीव्रता का भूकंप आया। इस घटना में भी किसी नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन लगातार हो रही हलचल लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है।


भूकंपों की निरंतरता से चिंतित लोग

10 और 11 जुलाई को हरियाणा के झज्जर में भी दो बार तेज झटके महसूस किए गए थे। पहले भूकंप की तीव्रता 4.4 और दूसरे की 3.7 थी। इन झटकों को दिल्ली, रोहतक और नोएडा तक महसूस किया गया था।


वैज्ञानिकों की चेतावनी

भूकंप वैज्ञानिकों का मानना है कि दिल्ली NCR भूगर्भीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र है। यह क्षेत्र कई सक्रिय भ्रंश रेखाओं जैसे महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट, दिल्ली-हरिद्वार रिज, और दिल्ली-सरगोधा रिज के ऊपर स्थित है। यहां आने वाले 2.0 से 4.5 तीव्रता के भूकंप दरअसल टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच तनाव का परिणाम हैं।


दिल्ली का भूकंपीय जोखिम

दिल्ली और इसके आसपास का क्षेत्र भूकंपीय जोन IV में आता है, जिसे उच्च जोखिम क्षेत्र माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है।


निवासियों के लिए सलाह

NCS और अन्य एजेंसियों ने निवासियों को सतर्क रहने और आपात स्थिति में क्या करना है, इसकी जानकारी पहले से रखने की सलाह दी है। मुख्य भूकंप के बाद आफ्टरशॉक्स यानी झटकों का सिलसिला सामान्य बात है।