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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति, AQI 400 के पार

दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है, जहां AQI 400 के पार जा चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रदूषण से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सर्दी बढ़ने के साथ, लोगों को बाहर जाने से बचने और एन-95 मास्क पहनने की सलाह दी गई है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और सुरक्षा उपाय।
 

दिल्ली में वायु गुणवत्ता की चिंताजनक स्थिति

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास के एनसीआर क्षेत्रों में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर हो गया है। पूरे शहर में धुएं और धुंध की मोटी परत छाई हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (ए.क्यू.आई.) 372 दर्ज किया गया, जो कि 'गंभीर' श्रेणी में आता है। इसका अर्थ है कि यह हवा लोगों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।


दिल्ली के अधिकांश क्षेत्रों में ए.क्यू.आई. 300 से 400 के बीच है, जो प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। आसपास के शहरों में भी स्थिति बेहतर नहीं है; फरीदाबाद में 312, गाजियाबाद में 318, ग्रेटर नोएडा में 325, गुरुग्राम में 328 और नोएडा में 310 दर्ज किया गया, जो सभी 'बेहद खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में आते हैं।


पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की हवा में लंबे समय तक रहने से सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और दिल व फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। कई लोगों ने पहले ही सांस फूलने, गले में खुजली और आंखों में चुभन की शिकायत की है।


दिल्ली-एनसीआर में सर्दी भी बढ़ रही है, न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है, जो सामान्य से 3 डिग्री कम है। दिन का तापमान 27-28 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, आसमान साफ रहेगा और 15-20 किलोमीटर प्रति घंटा की ठंडी हवा चलेगी, जिससे सुबह और शाम अधिक ठंड महसूस होगी।


मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि कम हवा की गति, तापमान में गिरावट और बढ़ी हुई नमी के कारण हवा में मौजूद प्रदूषक ऊपर नहीं जा पा रहे हैं। इसके अलावा, आसपास के राज्यों में पराली जलाने से भी धुएं की परत और गहरी हो रही है।


सरकार द्वारा गाड़ियों पर रोक, निर्माण कार्यों पर नियंत्रण और एंटी-स्मॉग गन के इस्तेमाल जैसे कदम उठाए गए हैं, लेकिन हालात में ज्यादा सुधार नहीं दिख रहा है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग, खासकर बच्चे और बुजुर्ग, बाहर कम निकलें और बाहर जाने पर एन-95 मास्क पहनें।