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दिल्ली-एनसीआर में सर्दी और प्रदूषण का संगम: जानें क्या है स्थिति

दिल्ली-एनसीआर में सर्दी ने दस्तक दे दी है, जिससे लोगों को स्वेटर और जैकेट की आवश्यकता महसूस हो रही है। वहीं, प्रदूषण का स्तर भी चिंताजनक बना हुआ है। मौसम विभाग ने अगले दिनों में तापमान में गिरावट और प्रदूषण में सुधार की उम्मीद जताई है। जानें इस सर्दी में प्रदूषण के कारण और दक्षिण भारत में हो रही भारी बारिश के बारे में।
 

सर्दी का आगाज़


नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में सर्दी ने दस्तक दे दी है। सुबह और शाम के समय लोगों को स्वेटर, जैकेट और कंबल की आवश्यकता महसूस होने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार, 7 से 9 नवंबर के बीच तापमान में और गिरावट आने की संभावना है।


उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और दिल्ली में ठंडी हवाओं के चलते सिहरन बढ़ गई है, जबकि कई क्षेत्रों में सुबह कोहरे की हल्की परत भी देखी जा रही है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही ताजा बर्फबारी ने मैदानों की ठंड को और बढ़ा दिया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल शुरुआत है और आने वाले दिनों में ठंड का प्रभाव और भी बढ़ेगा।


सर्दी के साथ प्रदूषण की समस्या

बढ़ती सर्दी के बीच जहरीली हवा


दिल्ली-एनसीआर इस समय दोहरी समस्या का सामना कर रहा है: एक ओर बढ़ती सर्दी और दूसरी ओर खतरनाक स्तर का प्रदूषण। गुरुवार को बादल छाए रहे और हल्की धूप भी देखने को मिली, लेकिन हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ।


मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक बादल छाए रहने और तेज हवाएं चलने का अनुमान लगाया है, लेकिन इससे प्रदूषण में कितनी राहत मिलेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। शहर के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब स्तर पर रहा। आनंद विहार और विवेक विहार में सुबह 6 बजे AQI 324 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है।


प्रदूषण के कारण

दिल्ली की हवा इतनी खराब क्यों?


प्रदूषण स्तर में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं, जिनमें पराली जलाना प्रमुख है। गुरुवार को हवा में पराली से होने वाले प्रदूषण का प्रतिशत 21.25% था, जबकि शुक्रवार को इसके 38.89% तक पहुंचने की आशंका जताई गई। सुबह से ही धुंध की मोटी परत छाई रही, जिससे दृश्यता कम हो गई। प्रदूषण के कारण कई लोगों को आँखों में जलन और गले में खराश की शिकायतें बढ़ी हैं।


सर्दियों में प्रदूषण का खतरा

सर्दियों में प्रदूषण ज्यादा खतरनाक क्यों हो जाता है?



  • सर्दियों में हवा का तापमान कम होने से PM2.5 कण जमीन के करीब जमा हो जाते हैं।

  • मॉनसून के बाद बनने वाला प्रतिचक्रवाती परिसंचरण प्रदूषकों को फंसा लेता है।

  • ठंडी और घनी हवा की गति कम होने से हवा प्रदूषकों को ऊपर नहीं उठा पाती।

  • गर्म हवा नीचे मौजूद ठंडी प्रदूषण-भरी परत को पार किए बिना ऊपर बह जाती है।

  • सर्दियों में बारिश कम होती है, जिससे हवा की प्राकृतिक सफाई नहीं हो पाती।


इन सभी कारणों से सर्दियों में हवा का जहरीलापन कई गुना बढ़ जाता है, जिससे सांस लेना भी कठिन हो जाता है।


दक्षिण भारत में बारिश का कहर

दक्षिण भारत में बारिश का कहर


जहां उत्तर भारत ठंड और प्रदूषण से जूझ रहा है, वहीं दक्षिण भारत में भारी बारिश का दौर जारी है। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण मौसम पूरी तरह बदल गया है। मौसम विभाग ने 7 नवंबर को तमिलनाडु के सात जिलों पेरम्बलुर, मयिलादुथुराई, तिरुवरुर, तंजावुर, अरियालुर, नागपट्टिनम और तिरुचिरापल्ली में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इन जिलों में शुक्रवार को तेज बारिश होने की संभावना है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है.