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दिल्ली की पूर्व सीएम ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया

दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के लोग रिकॉर्ड टैक्स चुकाने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने वित्त मामलों से संबंधित कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्र पर वित्तीय भेदभाव का आरोप लगाया। आतिशी ने अन्य राज्यों के टैक्स आंकड़ों की तुलना करते हुए भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए। इस दौरान विधानसभा में भाजपा विधायकों ने हंगामा किया, जिसे आतिशी ने विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश बताया।
 

दिल्ली के लोगों को सुविधाओं से वंचित रखने का आरोप


दिल्ली की पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने केंद्र और मौजूदा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता रिकॉर्ड टैक्स अदा करने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार इस मामले में पूरी तरह असफल रही है।


आतिशी ने विधानसभा में वित्त मामलों से संबंधित कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर वित्तीय भेदभाव का आरोप लगाया। उनका कहना है कि दिल्ली के लोग हर साल लगभग 2.25 लाख करोड़ रुपये टैक्स के रूप में केंद्र को देते हैं, लेकिन इसके बदले में दिल्ली को केवल 850 करोड़ रुपये मिलते हैं, जो पिछले तीन वर्षों से नहीं मिले हैं।


भाजपा की गुमराह करने की कोशिश

आतिशी ने कहा कि भाजपा कैग रिपोर्ट का उपयोग कर आम आदमी पार्टी की सरकार को विफल साबित करने की कोशिश कर रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि दिल्ली का टैक्स राजस्व हर साल बढ़ रहा है। 2021-22 में दिल्ली का ऑन टैक्स राजस्व 40,119 करोड़, 2022-23 में 47,363 करोड़ और 2023-24 में 53,681 करोड़ रहा है, जो अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है।


अन्य राज्यों का उदाहरण

आतिशी ने अन्य राज्यों के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि महाराष्ट्र केंद्र को 7.6 लाख करोड़ टैक्स देता है और बदले में 52,000 करोड़ प्राप्त करता है, जबकि दिल्ली को केवल 850 करोड़ मिलते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली को केंद्र से कभी भी इनकम टैक्स का हिस्सा नहीं मिला। अब जब दिल्ली में भाजपा की चार इंजन वाली सरकार है, तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को चाहिए कि वे केंद्र से 50,000 करोड़ रुपये दिल्ली के हिस्से के टैक्स के रूप में लाएं।


जब आतिशी ने यह आंकड़े प्रस्तुत किए, तो भाजपा विधायकों ने हंगामा किया और स्पीकर ने माइक बंद करवा दिया। आतिशी ने इसे विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश बताया।