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दिल्ली के अभिभावकों का फीस वृद्धि के खिलाफ संघर्ष जारी

दिल्ली के निजी स्कूलों में फीस वृद्धि को लेकर अभिभावक लगातार संघर्ष कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश के बावजूद पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिससे उनका आक्रोश और बढ़ गया। आम आदमी पार्टी के नेता इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह निजी स्कूलों के साथ मिलीभगत कर रही है। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई और अभिभावकों की चिंताएं।
 

फीस वृद्धि पर अभिभावकों का विरोध

दिल्ली के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता फीस में वृद्धि को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। मध्यमवर्गीय परिवारों को उम्मीद थी कि बीजेपी की दिल्ली सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करेगी, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। सोमवार को कई अभिभावक मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मिलने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय के गेट पर ही रोक दिया, जिससे अभिभावकों का आक्रोश और बढ़ गया है.


आप का बीजेपी पर हमला

आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने एक वीडियो साझा करते हुए कहा, "भाजपा सरकार ने मध्यम वर्ग का क्या हाल कर दिया है। प्राइवेट स्कूलों के मालिकों के साथ उनकी मिलीभगत स्पष्ट है।"


आतिशी के गंभीर आरोप

आप की वरिष्ठ नेता और दिल्ली विधानसभा की नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने भी बीजेपी सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा, "निजी स्कूल शैक्षणिक सत्र के बीच में ही फीस बढ़ा रहे हैं। यह स्पष्ट है कि भाजपा की रेखा गुप्ता सरकार ने निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की अनुमति दे दी है।" उन्होंने अभिभावकों को भेजे गए एक मेल का भी उल्लेख किया, जिसमें स्कूलों ने कहा कि फीस वृद्धि की जानकारी सभी संबंधित अधिकारियों को दी गई है।


अध्यादेश का वादा, लेकिन कार्रवाई नहीं

आतिशी ने बीजेपी की ट्रिपल इंजन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने कहा था कि दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी और इसके लिए अध्यादेश लाया जाएगा। लेकिन यह अध्यादेश दिल्लीवासियों से छुपा रखा गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बीजेपी और निजी स्कूलों के बीच कोई न कोई सांठगांठ जरूर है। इस बीच, सोशल मीडिया पर अभिभावक अपनी परेशानियों को साझा कर रहे हैं.