दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री ने एसएससी परीक्षा में धांधली के खिलाफ उठाई आवाज
मनीष सिसोदिया की शिक्षकों से मुलाकात
आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता और दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को एसएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे शिक्षकों से बातचीत की। शिक्षकों ने उन्हें एसएससी में हो रही अनियमितताओं के बारे में जानकारी दी। सिसोदिया ने कहा, "मैंने भारत सरकार से निवेदन किया है कि कृपया 70 लाख मेहनती छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें।" उन्होंने केंद्र से 13 अगस्त से शुरू होने वाली एसएससी-सीजीएल परीक्षा, जिसमें 30 लाख से अधिक छात्र शामिल होंगे, को तुरंत स्थगित करने की अपील की।
घोटालों से जुड़ी कंपनी पर उठाए सवाल
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि केंद्र ने एक ऐसी कंपनी को परीक्षा का जिम्मा सौंपा है, जो पहले व्यापम घोटाले में शामिल रही है। उन्होंने कहा, "इस कंपनी ने परीक्षा केंद्रों को तबेले और घरों में स्थापित कर दिया है, और कई छात्रों के परीक्षा केंद्र सैकड़ों किलोमीटर दूर राज्यों में बनाए गए हैं।" उन्होंने मांग की कि "उन घटिया कंपनियों को तुरंत हटाया जाए, जिन्होंने परीक्षा केंद्रों की स्थिति को खराब कर दिया है और जिन पर पहले से ही कई घोटालों के गंभीर आरोप हैं।"
पुनः परीक्षा की मांग
सिसोदिया ने कहा, "जिन परीक्षाओं में गड़बड़ी के बारे में शिक्षकों और छात्रों ने शिकायत की है, उन्हें रद्द कर दोबारा परीक्षा कराई जाए।" उन्होंने केंद्र से अपील की, "भारत सरकार को युवाओं को विपक्ष की तरह नहीं देखना चाहिए, ये केवल अपनी मेहनत से कमाई गई नौकरी की मांग कर रहे हैं।" उन्होंने बताया कि कई परीक्षा केंद्रों पर खराब माउस और अपर्याप्त सुविधाओं के कारण छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जयपुर के छात्रों को अंडमान और बिहार के छात्रों को केरल जैसे दूरस्थ केंद्र आवंटित किए गए हैं।
शिक्षा तंत्र की कमजोरी पर सवाल
सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा तंत्र की कमजोरी के कारण छात्रों को कोचिंग की आवश्यकता होती है। उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि ऐसी सक्षम कंपनी को परीक्षा का जिम्मा सौंपा जाए जो आधुनिक सुविधाओं के साथ परीक्षा आयोजित कर सके। साथ ही, जिन परीक्षाओं में गड़बड़ी हुई है, उन्हें रद्द कर दोबारा आयोजित किया जाए।